Google के खिलाफ क्या हो रहा है। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में मुख्य न्यायाधीश रिचर्ड सीबॉर्ग ने गूगल की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें कंपनी ने प्राइवेसी क्लास एक्शन मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गूगल ने ट्रैकिंग बंद करने वाले बटन को निष्क्रिय करने के बावजूद उपयोगकर्ताओं का डेटा एकत्रित किया। अदालत के इस निर्णय ने मुकदमे के संभावित 18 अगस्त 2025 ट्रायल का रास्ता साफ कर दिया है।
मुकदमे में उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि गूगल ने उनकी निजी ब्राउजिंग हिस्ट्री उनकी अनुमति के बिना रिकॉर्ड की। गूगल पर कैलिफोर्निया के अनधिकृत धोखाधड़ी वाले कंप्यूटर एक्सेस कानून का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया गया है।
अदालत का मानना है कि गूगल की सेटिंग्स और ट्रैकिंग बटन के बारे में दी गई जानकारी अस्पष्ट और भ्रामक थी। यह रवैया उपयोगकर्ताओं के लिए “अत्यधिक आपत्तिजनक” हो सकता है। शुरुआती जांच से पता चलता है कि गूगल ने जानबूझकर डेटा संग्रहण प्रक्रिया को स्पष्ट नहीं किया, ताकि उपयोगकर्ता “चिंतित” न हों।
गूगल ने अपनी दलील में कहा कि उसकी सेवाओं में पहले से ही प्राइवेसी कंट्रोल मौजूद हैं, और उपयोगकर्ताओं ने उसकी शर्तों को स्वीकार किया था। कंपनी ने यह भी तर्क दिया कि उसका डेटा संग्रहण किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता।
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अगस्त 2022 में सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत ने एक अन्य मामले में गूगल पर आरोप लगाया था कि उसने Chrome ब्राउजर उपयोगकर्ताओं को उनकी अनुमति के बिना ट्रैक किया। इससे पहले अप्रैल 2022 में, गूगल को “Incognito” मोड में ब्राउजिंग करने वालों को ट्रैक करने के लिए 5 बिलियन डॉलर से अधिक का जुर्माना भी देना पड़ा था।