Ghaziabad में बन रहा Data Centre. (सौ. X)
Data Centre in Ghaziabad UP: ESDS कंपनी जिसे क्लाउड कंप्यूटिंग और मैनेज्ड सर्विसेज क्षेत्र की अग्रणी से बनाया है और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) अब मिलकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित साहिबाबाद में एक आधुनिक 30 मेगावाट क्षमता वाला डाटा सेंटर स्थापित करेंगे। इस डाटा सेंटर की आधारशिला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को संयुक्त रूप से रखी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा, “यह डाटा सेंटर उत्तर प्रदेश की डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा। यह पहल राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और भारत को डिजिटल संप्रभुता की दिशा में आगे ले जाएगी।”
इस डाटा सेंटर के बारें में बताए तो यह 200 रैक प्रति फ्लोर तक स्केलेबल होगा और इसमें 40Gbps रिंग फाइबर के साथ मल्टी-इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) सपोर्ट मिलेगा। साथ ही, क्लाउड और डिजास्टर रिकवरी (DR) रेप्लिकेशन के लिए डुअल 10Gbps लिंक की सुविधा को भी इसमें जोड़ा गया है।
#GreenDataCentre state-of-the-art facility in public sector through #CSIR PSU “Central Electronics Limited” at #Sahibabad township of UP, under the aegis of Ministry of Science & Technology, Govt of India.
Foundation stone laid and “Bhoomi Pujan” performed along with UP CM Sh… pic.twitter.com/GV8ZM1ZIiw
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) June 26, 2025
CEL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन प्रकाश जैन ने कहा, “ESDS के साथ हमारी यह साझेदारी भारत की डिजिटल और पर्यावरणीय प्राथमिकताओं को समर्थन देने के लिए सस्टेनेबिलिटी और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का संगम है। मॉड्यूलर PODs, स्मार्ट कूलिंग और 30 मेगावाट की क्षमता के साथ यह सुविधा उत्तर प्रदेश की डिजिटल अर्थव्यवस्था और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का प्रमुख इंजन बनेगी।”
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ESDS के CMD और CEO पियूष सोमानी ने कहा, “हम अपनी पेटेंटेड इनोवेशन और एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर को CEL की दूरदृष्टि से जोड़कर ‘आत्मनिर्भर भारत’ को गति दे रहे हैं और डिजिटल इंडिया व ग्रीन इंडिया जैसे अभियानों को सस्टेनेबल और सिक्योर तरीके से सशक्त बना रहे हैं।”
इस संबंध में भविष्य में उत्तर प्रदेश को तकनीक में आगे ले जाने की समता है, जो पर्यावरण और तकनीक के मिलन से देश में उन्नति का भागीदार बनेगा। जिससे भारत को पूरी दुनिया में दिखाया जाए, साथ ही तकनीक को आगे बढ़ाया जाए।