लखनऊ: यूपी (UP) के आंगनबाड़ी केन्द्र (Anganwadi Centres) बहुत जल्द प्ले स्कूलों (Play Schools) के रूप में नजर आएंगे। यहां तीन से छह वर्ष के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा। खेलने के लिए खिलौने दिए जाएंगे जिससे केंद्र की तरफ बच्चों (Childrens) का आकर्षण बढ़ेगा और उनकी संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। संस्कार डालने के साथ उनके संर्वांगीण विकास के कार्यक्रम भी चालू किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार 16 करोड़ रुपए की लागत से ग्राम पंचायतों और शहरों में स्थित लाखों आंगनबाड़ी केन्द्रों में नन्हे-मुन्हों को प्री-स्कूल किट बांटेगी। इस प्री-स्कूल किट (Pre-School Kits) में खिलौने और शिक्षा प्रदान करने वाली लर्निंग ऐड होगी।
सरकार की योजना से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले 3-6 वर्ष के बच्चों को प्री-स्कूल किट के माध्यम से गतिविधि और खेल आधारित पूर्व शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए उन्हें चार्टर, टेबल और वॉल पेंटिंग पर बनाई हिंदी और अंग्रेजी की वर्णमाला, गिनती आदि सिखाएंगी। इसके साथ ही प्रदेश के 31 जनपदों के 6 करोड़ की लागत से आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को ईसीसीई सामग्रियां (एक्टीविटी बुक, पहल, गतिविधि कैलेण्डर) भी वितरित की जाएंगी। बाल विकास पुष्टाहार विभाग को इन कार्यक्रमों को तेजी से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लागू कराने की जिम्मेदारी गई है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण से लाभार्थियों को एक अच्छे वातावरण में सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास भी सरकार कर रही है। इसके लिए वो आने वाले समय में 175 करोड़ रुपए से 199 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का शिलान्यास करेगी। जिसकी तैयारी के लिए विभाग तेजी से जुटा है। बता दें कि सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुंदर बनाने के प्रयास किए हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर फर्नीचर, पुस्तकें, खिलौने और दीवार पर पेंटिंग के कार्य कराए हैं। सरकार की योजना को सफल बनाने में सामाजिक संस्थाएं भी सहयोग में जुटी हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने में काफी लाभ मिला है।