रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल के आखिरी दिन शुक्रवार को विदर्भ ने सूरमाओं से भरी मुंबई टीम को 80 रनों से हराते हुए न केवल रणजी ट्रॉफी-2024-25 के फाइनल में एंट्री मारी, बल्कि हार का भी बदला ले लिया है।
विदर्भ ने तोड़ा मुंबई का घमंड। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: क्रिकेट में एक कहावत है कि किसी भी टीम को उसी के घरेलू मैदान पर हराना काफी मुश्किल होता है। रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल के आखिरी दिन शुक्रवार को कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जिसमें विदर्भ ने सूरमाओं से भरी मुंबई टीम को 80 रनों से हराते हुए न केवल रणजी ट्रॉफी-2024-25 के फाइनल में एंट्री मारी, बल्कि रणजी ट्रॉफी-2023-24 के खिताबी मुकाबले में मिली हार का भी बदला ले लिया है। तब अजिंक्य रहाणे की टीम ने विदर्भ को हराकर 42वीं बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
नागपुर के ऐतिहासिक विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के जामठा स्टेडियम में शुक्रवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल की पहली पारी में विदर्भ ने पहले बैटिंग करते हुए सभी विकेट खोकर 383 रन बनाए। इसमें दानिश मालेवार के सबसे अधिक 79 रन और ध्रुव शोरे के 74 रन शामिल थे। इस पारी में मुंबई के लिए शिवम दुबे ने सबसे अधिक 5 विकेट झटके।
जवाब में आकाश आनंद के शानदार 106 रनों के बावजूद मुंबई की टीम 270 रनों पर ढेर हो गई। पार्थ ने सबसे अधिक 4 विकेट झटकते हुए विदर्भ को बढ़त दिला दी। इसके बाद विदर्भ की दूसरी पारी 292 रनों तक पहुंची। प्लेयर ऑफ द मैच यश राठौड़ ने सबसे अधिक 151 रन की पारी खेली तो अक्षर वाडेकर ने 52 रन बनाए। इस पारी में मुंबई के लिए शम्स मुलानी ने 6 विकेट झटके, जबकि तनुष ने 3 विकेट अपने नाम किए।
भारी भरकम स्कोर के आगे मुंबई की शुरुआत खराब रही, लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों के दम पर वह 300 का आंकड़ा पार करने में सफल रही। शार्दुल ठाकुर ने 66 रन, शम्स मुलानी ने 46 रन, तनुष कोटियान ने 26 रन, मोहित अवस्थी ने 34 रन और डियास ने नाबाद 23 रन बनाए, लेकिन मुंबई को जीत नहीं दिला सके। मुंबई की टीम 406 रन के टारगेट के जवाब में 97.5 ओवर में 325 रन पर ढेर हो गई।
आखिरी दिन कप्तान अजिंक्य रहाणे और सूर्यकुमार यादव जैसे दिग्गज नहीं चले। मुंबई की टीम ने 124 रन पर 6 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद मुंबई के पुछल्ले बल्लेबाजों ने लड़ाई दिखाई। शार्दुल ठाकुर और शम्स मुलानी ने 103 रन की साझेदारी की। शार्दुल ठाकुर ने 66 रन बनाए। शम्स मुलानी ने 46 रन बनाए। तनुष कोटियान ने 26 और मोहित अवस्थी ने 34 रन बनाए। रस्टन डायस ने नाबाद 23 रन बनाए। मुंबई के शीर्ष क्रम की बात करें तो आकाश आनंद ने 39 रन बनाए।
आयुष म्हात्रे ने 18, सिद्धेश लाड 2 और रहाणे ने 12 रन बनाए। शिवम दुबे 12 और सूर्यकुमार यादव 23 रन बनाकर आउट हुए। विदर्भ के लिए हर्ष दुबे ने 5 विकेट लिए। इसके अलावा यश ठाकुर और पार्थ रेखाडे ने 2-2 विकेट लिए। केरल और गुजरात के बीच पहला सेमीफाइनल ड्रॉ रहा। पहली पारी की बढ़त के आधार पर केरल ने पहली बार रणजी फाइनल में जगह बनाई। रणजी ट्रॉफी का फाइनल 26 फरवरी से खेला जाएगा।
मुंबई ने 2023-24 सीजन में वानखेड़े स्टेडियम में एक रोमांचक सेमीफाइनल के पांचवें और आखिरी दिन विदर्भ को 169 रनों से हराकर रिकॉर्ड 42वां रणजी ट्रॉफी खिताब जीतकर अपने 8 साल के ट्रॉफी के सूखे को समाप्त किया था। इस सेमीफाइनल की बात करें तो विदर्भ ने शुरुआत से ही मैच पर दबदबा बनाया और अपने लगातार दूसरे फाइनल में प्रवेश किया।
विदर्भ अब अपने घरेलू मैदान पर फाइनल में केरल से भिड़ेगा, जो बुधवार, 26 फरवरी को नागपुर में खेला जाएगा। घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा विदर्भ को कितना मिलेगा यह देखा जाएगा। बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हर्ष दुबे ने पहली पारी में दो विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए। दुबे के पास रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के तौर पर रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज कराने का भी मौका है।
हालांकि, ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर और शम्स मुलानी ने शानदार वापसी की और हार को जल्दी मिलने से टाल दिया। वास्तव में, जब वे अच्छा खेल रहे थे, तो आप मुंबई की जीत से इनकार नहीं कर सकते थे। 103 रनों की इस संघर्षपूर्ण साझेदारी का अंत दानिश के शानदार डायरेक्ट हिट की बदौलत हुआ, जब साइड एंगल से केवल एक स्टंप को निशाना बनाया जा सकता था। शार्दुल को यश दुबे ने कैच आउट किया। तनुष लंबे समय तक नहीं टिक सके और आखिरी विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी ने निराश किया, लेकिन हर्ष ने मैच को अच्छी तरह से समाप्त कर दिया और अपनी टीम की फाइनल में जगह पक्की कर दी।
विदर्भ (पहली पारी): 383 रन। मुंबई (पहली पारी): 270 रन। विदर्भ (दूसरी पारी): 292 रन। मुंबई (दूसरी पारी): 97.5 ओवर में 325/10 (आकाश आनंद 39, शम्स मुलानी 46, शार्दुल ठाकुर 66, तनुष कोटियान 26, मोहित अवस्थी 34, रॉयस्टन डायस नाबाद 23; हर्ष दुबे 5/127, यश ठाकुर 2/43, पार्थ रेखड़े 2/70)।
विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर ने कहा, "जब शार्दुल ठाकुर और शम्स मुलानी बल्लेबाजी कर रहे थे, तो थोड़ी चिंता थी। लेकिन हमारे गेंदबाज आत्मविश्वास से भरे थे और हर्ष दुबे तथा पार्थ ने शानदार प्रदर्शन किया। पहली पारी में बढ़त बेहद अहम थी क्योंकि पिच में दरारें आ रही थीं। वे एक साझेदारी बना रहे थे, लेकिन पार्थ ने एक ओवर में 3 विकेट ले लिए। हमने दूसरी पारी में 4 विकेट जल्दी गंवा दिए, लेकिन हमारी (राठौड़-वाडकर) साझेदारी महत्वपूर्ण रही। मुझे यकीन था कि हर्ष ढीली गेंद नहीं फेंकेंगे, जिससे मैं एक अतिरिक्त फील्डर पास में रख सका। हमें फाइनल में बेहतर प्रदर्शन करने का भरोसा है," ऐसी बात वाडकर ने कही।
प्लेयर ऑफ द मैच यश राठौड़ ने कहा, "जब मैं और अक्षय बल्लेबाजी कर रहे थे, तब टीम का स्कोर चार विकेट पर 56 रन था। हम बस यही चाह रहे थे कि लंबे समय तक बल्लेबाजी करें। कुछ गेंदें घूमीं, कुछ सीधी आईं। हमारी योजना गेंद के अनुसार खेलना था। टीम की जीत में योगदान देकर बहुत अच्छा लग रहा है। पिछले साल भी मुझे ऐसा मौका मिला था। उम्मीद है, फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन कर पाऊं," ऐसी बात यश राठौड़ ने कही।
मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि, "हमने पूरी कोशिश की। कोई भी हारना नहीं चाहता। विदर्भ को लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने के लिए बधाई। हमने निचले क्रम से शानदार वापसी की और मुझे टीम पर गर्व है। पार्थ के एक ओवर में तीन विकेट ने विदर्भ को लय दिलाई। उन्होंने अनुशासित गेंदबाजी की। हार के बाद गलतियों पर उंगली उठाना बहुत आसान होता है, लेकिन हम इस मैच से सकारात्मक चीजें लेकर जाएंगे। मुझे यकीन है कि हम अगले साल और मजबूत होकर वापसी करेंगे," ऐसी बात रहाणे ने कही।