File Photo
नई दिल्ली: देश की मशहूर महिला पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik Birthday) को भला कौन नहीं जानता, अंतरराष्ट्रीय स्तर अपने पहलवानी से उन्होंने गजब का इतिहास रचा है। आज साक्षी अपना 30वां जन्मदिन मना रही हैं। हम सब जानते है कि साक्षी ने कुश्ती में भारत का नाम हर जगह रोशन किया है। उन्होंने कुश्ती (Wrestling) में अपना अलग ही मुकाम हासिल किया है, जो वास्तव में बेहद प्रशंसनीय है।
साक्षी मलिक का जन्म (Sakshi Malik) आज ही के दिन 3 सितंबर 1992 को हरियाणा (Haryana) के रोहतक जिले के मोखरा गांव में हुआ था। उन्होंने अपने कुश्ती के जरिए पूरे विश्व में अलग ही पहचान बनाया है। ओलंपिक में भी उन्हें बेहद शानदार प्रदर्शन किया है। साक्षी महिला पहलवानों की आने वाली पीढ़ियों की आदर्श भी हैं, तो आइए आज पहलवान साक्षी मलिक के जन्मदिन के इस खास मौके पर जानते हैं उनके बारे में…
साक्षी मलिक ने भारत को पदक भी जीतवाया है। उन्होंने भारत के लिए साल 2016 के ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर वो कमाल किया था, जो उनसे पहले कोई भी महिला पहलवान नहीं कर पाई थी। यह पदक साक्षी के लिए कई अनगिनत उपलब्धियों में से एक है। साक्षी मालिक को पहलवानी का ख्याल अपने दादा सुबीर मलिक जो ख़ुद भी एक पहलवान थे, उन्हें देखकर आया। वह उनसे काफी प्रेरित थीं और इसी वजह से उन्होंने रेसलिंग में आने का इरादा किया।
साक्षी मलिक के लिए ओलंपिक वाला यह मुकाबला काफी मुश्किल था। वह आखिरी मिनटों में कजाकिस्तान की पहलवान एमसी इसानु से काफी पीछे चल रही थीं। वह पहले राउंड में 0-5 से पिछड़ गई थीं। हालांकि, साक्षी ने मैच खत्म होने से चंद मिनट पहले जोरदार खेल दिखाया और स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। उसके बाद आखिरी के 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने विरोधी पहलवान को धूल चटा दी और कांस्य पदक अपने नाम किया।
इस साल हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने शुक्रवार को 62 किग्रा के फाइनल में कनाडा की एना गोंडिनेज गोंजालेस को चित करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह साक्षी का राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक है। इससे पहले वह राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
साक्षी मलिक को ओलंपिक में हासिल मुकाम की वजह से पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। ये देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। वहीं साल 2016 में साक्षी मलिक को खेल के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया गया था। साथ ही राज्य सरकार, खेल मंत्रालय और अन्य संस्थानों से उनको अब तक 6 करोड़ रुपये के करीब नकद पुरस्कार भी दिया गया है।