जहीर खान (फोटो-सोशल मीडिया)
Zaheer Khan Birthday: भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एवं वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी जहीर खान अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। जहीर खान ने अपनी स्विंग और सटीक लाइन-लेंथ से भारतीय टीम को कई मैच जिताए हैं। जहीर खान अपने स्विंग के लिए जाने जाते थे। उनके पास गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने की महारत हासिल थी। उन्होंने अपने गेंदबाजी से भारतीय टीम को 2011 के वर्ल्ड कप में खिताब जिताने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जहीर खान का जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में हुआ था। जहीर बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन पिता की एक नसीहत ने उनकी तकदीर बदल दी। जहीर खान के पिता की सोच, दूसरों के पिता की तरह बिल्कुल भी नहीं थी। उनके पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियरिंग के बजाय देश के लिए क्रिकेट खेले।
एक दिन पिता ने जहीर खान से कहा कि इस देश को इंजीनियर तो बहुत मिल जाएंगे लेकिन तेज गेंदबाज नहीं मिल पाएंगे। तुम तेज गेंदबाज बनो। जिसके बाद जहीर खान भी पिता की बात मान गए और 17 साल की उम्र में वो मुंबई आ गए। जहीर खान के टैलेंट को देखते हुए उन्हें एमआरएफ पेस फाउंडेशन की ओर से खेलने का मौका दिया गया। यहां कोच डेनिस लिली ने जहीर की क्षमता को पहचान लिया और उनकी गेंदबाजी में सुधार किया।
जहीर खान ने जिमखाना के खिलाफ फाइनल मैच में सात विकेट लेकर सुर्खियां बटोरीं। उन्हें मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में भी स्थान मिला। घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान को साल 2000 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला। इसी वर्ष उन्होंने भारत के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया।
साल 2002 जहीर खान के लिए शानदार रहा, जब उन्होंने 15 टेस्ट मैचों में खेलते हुए कुल 51 विकेट चटकाए। इस दौरान उनका औसत 29 का रहा। लेकिन इसके बाद तीन साल टेस्ट क्रिकेट में जहीर खान का सबसे कठिन वक्त रहा। वह 2003 में 9, 2004 में 19 और 2005 में 10 विकेट ही ले सके। खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया। नकल बॉल का इजाद करके टीम में की वापसी।
हालांकि, इस दौरान वनडे क्रिकेट में उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहा। वर्ल्ड कप 2003 में उन्होंने सौरव गांगुली की कप्तानी में दमदार प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में जहीर ने 11 मैचों में 18 विकेट अपने नाम किए और वे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में चौथे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्हें 2007 के वर्ल्ड कप के लिए भी भारतीय टीम में जगह मिली।
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2011 में भारत की विश्व कप जीत में जहीर खान की भूमिका बेहद अहम रही। उन्होंने 9 मैचों में 18.76 की औसत से 21 विकेट चटकाए और टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक बने। वह शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
अगर उनके करियर की बात करें, तो जहीर खान ने 92 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 32.94 की औसत से कुल 311 विकेट लिए। इनमें से 11 बार उन्होंने एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट हासिल किए। वनडे में उन्होंने 200 मैचों में 29.43 की औसत से 282 विकेट लिए, जबकि टी20 अंतरराष्ट्रीय में 17 मैचों में 17 विकेट उनके नाम रहे। इसके अलावा, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 169 मैचों में 672 विकेट झटके और 253 लिस्ट-ए मुकाबलों में उनके नाम 357 विकेट दर्ज हैं।
इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद जहीर खान मुंबई इंडियंस के साथ गेंदबाजी कोच के तौर पर जुड़े। इस दौरान उन्होंने कई भारतीय खिलाड़ियों को गेंदबाजी का गुर सिखाया। उसके बाद पिछले आईपीएल से पहले लखनऊ सुपर जायंट्स का मेंटर नियुक्त किया गया था। हालांकि, एलएसजी का सीजन अच्छा नहीं और अब उन्हें मेंटर की पद से हटा दिया गया है।