सौरव गांगुली (फोटो-सोशल मीडिया)
कोलकाता: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को विदेशों में जीत का जज्बा दिया। इस दौरान सौरव गांगुली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 38 शतक लगाए। 38 शतक लगाने के बाद गांगुली इस नंबर से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने क्रिकेट करियर के दौरान कई शतक चूकने का अफसोस है।
गांगुली ने इंटरेनशल क्रिकेट में कुल 18575 रन बनाए। उन्होंने केवल दो फॉर्मेट ही खेला है। गांगुली ने भारत के लिए 311 एकदिवसीय और 113 टेस्ट मैच खेले हैं। 18 हजार से ज्यादा रन बनाने के बाद भी उन्हें अपने करियर में कई शतक चूकने का अफसोस है। गांगुली ने यह अफसोस तब व्यक्त किया जब उनसे पूछा गया कि वह पुराने गांगुली को क्या सलाह देना चाहेंगे।
गांगुली ने पीटीआई को इंटरव्यू देते हुए कहा कि मैं कई बार शतक लगाने से चूक गया, मुझे और अधिक रन बनाने चाहिए थे। मैंने कई बार 90 और 80 रन बनाए। अगर गांगुली के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि वह 30 बार 80 या 90 रन की संख्या पार करने के बाद आउट हुए। अगर वह इन पारियों को भी शतक में बदलने में सफल रहते तो उनके नाम पर 50 से अधिक शतक दर्ज होते।
गांगुली जब अकेले होते हैं तो उन्हें अपनी पुरानी पारियां देखना पसंद है। इससे उन्हें यह याद आता है कि वह और अधिक शतक बनाने के कितने करीब थे। उन्होंने कहा कि मैं अपने (बल्लेबाजी के) वीडियो तब देखता हूं जब मैं अकेला होता हूं। जब मेरी पत्नी घर में नहीं होती है क्योंकि सना लंदन में रहती है। मैं यूट्यूब पर जाता हूं, और देखता हूं और खुद से कहता हूं अरे फिर 70 रन पर आउट हो गया। मुझे शतक बनाना चाहिए था। लेकिन अब आप इसे बदल नहीं सकते।
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गांगुली ने वनडे में 72 और टेस्ट क्रिकेट में 35 अर्धशतक लगाए हैं। एक कप्तान के तौर पर कभी-कभी मुश्किल फैसले लेना ज़रूरी हो जाता है। आपको किसी खिलाड़ी को बाहर करके उस खिलाड़ी को शामिल करना पड़ता है जो आपको लगता है कि परिस्थितियों या टीम की जरूरत के हिसाब से अधिक बेहतर है। गांगुली ने दुनिया के महानतम लेग स्पिनरों में से एक अनिल कुंबले को टीम से बाहर किये जाने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि अनिल कुंबले को कुछ बार मौका नहीं मिला, क्योंकि वह बहुत अच्छे खिलाड़ी थे।