रवि शास्त्री (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के हार के बाद भारत के पूर्व खिलाड़ियों ने मौजूदा खिलाड़ियों की क्लास लगानी शुरू कर दी है। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का आखिरी मैच हारने के बाद ही भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा था कि भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी के मैचेज जरूर खेलने चाहिए। वहीं आज भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली और रोहित शर्मा को रणजी ट्रॉफी के मैच खेलने की सलाह दी है। इससे दोनों को फॉर्म में लौटने में मदद मिलेगी।
रोहित और कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बुरी तरह से विफल रहे। ऑस्ट्रेलिया ने भारत की लचर बल्लेबाजी का फायदा उठाते हुए इस सीरीज को 3-1 से जीता। रवि शास्त्री का मानना है कि टेस्ट टेस्ट क्रिकेट संघर्ष कर रहे कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज विराट कोहली रणजी ट्रॉफी खेल कर यह साबित कर सकते हैं कि उनमें इस प्रारूप में सफल होने का जज्बा बरकरार है।
शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा कि उनके खेल में अगर कोई कमी है तो उन्हें वापस जाना चाहिए और घरेलू क्रिकेट खेल कर सुधार करना चाहिए। जब आप इतने लंबे समय तक टेस्ट मैच क्रिकेट खेलते हैं तो दो कारणों से घरेलू क्रिकेट खेलना महत्वपूर्ण है। एक तो आपको वर्तमान पीढ़ी के साथ तालमेल बनाना होता है और दूसरा आप युवा खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि स्पिनरों की मददगार पिचों पर भी भारतीय टीम का रिकॉर्ड पिछले कुछ समय से अच्छा नहीं रहा है। विपक्षी टीम में अगर अच्छा स्पिनर है तो वह आपको परेशान कर सकता है। भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीम में बने रहने के लिए जुनून और जज्बे की जरूरत होती है। कोहली 36 साल के हो गए हैं, जबकि रोहित शर्मा का उम्र 38 साल हो गया है। दोनों को पता है कि उनमें क्रिकेट कितना बचा है और खेल को लेकर कितना जुनून है।
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने कहा कि कोहली को खराब दौर से उबरने के लिए खेल से आराम लेना चाहिए। कोहली ने 2022 में एक महीने का ब्रेक लिया था और इसका उन्हें फायदा हुआ था। पोंटिंग ने कहा कि विराट जरूरत से ज्यादा प्रयास कर रहे हैं। कई बार ऐसा होता है कि जब आप जरूरत से ज्यादा जोर लगाते है तो सफलता कम मिलती है।