विराट कोहली और रोहित शर्मा (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में खराब प्रदर्शन के बावजूद विराट कोहली और रोहित शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को अधिक ‘सम्मान’ दिया जाना चाहिए। सिद्धू ने मार्क टेलर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और सौरव गांगुली का उदाहरण दिया। उनके बारे में उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों को वापसी करने की अनुमति दी गई थी।
स्पोर्ट्स टुडे पर सिद्धू ने कहा कि अगर कोई 2 महीने तक खराब फॉर्म में है, तो आप उसे हटा नहीं सकते। मुझे पता है कि आप अपनी उपलब्धियों पर आराम नहीं कर सकते। आपको उन्हें फिर से तरोताजा करना होगा। जिसके लिए आपको उन्हें छूट भी देनी होगी। मार्क टेलर लगभग 1.5 साल असफल रहे। मोहम्मद अजहरुद्दीन भी असफल रहे। गांगुली ने कहा कि मैं 8 पारियों में असफल हो सकता हूं, लेकिन वापसी के लिए बस एक पारी की जरूरत होती है।
सिंधु ने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि कोहली और रोहित उस नेतृत्व समूह का हिस्सा थे जिसने भारत को 2024 टी20 विश्व कप जीतने में मदद की। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने 6 महीने पहले आपको विश्व कप जिताया था और अब आपके पास पूरे वनडे क्रिकेट का मौका है। आप सिर्फ़ दो को निशाना बनाकर दूसरों को अनदेखा नहीं कर सकते। टेस्ट क्रिकेट से किसने निरंतरता दिखाई?
On Rohit and Virat@ImRo45 @imVkohli pic.twitter.com/tbhZEPuAgB
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) January 9, 2025
दोष देना सबसे आसान काम है। पत्थर फेंकना आसान है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो फेंके हुए पत्थर से घर बनाते हैं और ये दोनों इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। यह पहली बार नहीं है जब कोहली को आलोचना का सामना करना पड़ा है, लोग उनकी पत्नी की भी आलोचना करने लग जाते हैं। यह गलत है, हमें अपने खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए। धैर्य रखें। हर कोई मुश्किल दौर से गुज़रता है।
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कोहली और रोहित के टेस्ट फॉर्म के बारे में पूछे जाने पर सिद्धू ने कहा कि कोहली घर जाकर अपना विडियो देखता है, उसे एहसास है कि उसका बल्ला उसके शरीर से बहुत दूर जा रहा है। वह इसका समाधान खोज लेगा। वहीं रोहित के बारे में कहा कि उसे अपनी फिटनेस पर काम करने की जरूरत है। दोनों शानदार खिलाड़ी है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कोहली के बल्ले से सिर्फ 190 रन ही निकले। जबकि उन्होंने इस सीरीज में एक शतक भी लगाया था। वहीं रोहित शर्मा ने पांच पारियों में 31 रन ही बना सके। यह दौरा रोहित के लिए बुरे सपने से कम नहीं था। इसी के साथ भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 3-1 से हार का सामना करना पड़ा।