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स्पोर्ट्स डेस्क, नवभारत: एक समय ऐसा था जब इंडियन क्रिकेट टीम विदेशी कोचों के भरोसे रहती थी। लेकिन पिछले करीब 8 सालों से वह भारतीय कोचों पर निर्भर कर रही है। विदेशी कोचों ने भी टीम को आगे ले जाने में मदद की। ग्रेग चैपल की कोचिंग में भारत ने पहला टी20 विश्वकप जीता। इसके बाद गैरी कर्स्टन के अंडर रहते हुए भारतीय टीम ने 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत हासिल की।
डंकन फ्लेचर की कोचिंग में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी अपनी झोली में डाली। लेकिन इन सब के बावजूद अगर सक्सेज रेट देखें तो भारतीय कोचों का विदेशी कोचों से कहीं आगे है। यही वजह है कि आज हम इस आर्टिकल में यह बताने जा रहे हैं कि पिछले लगभग 25 सालों में किसकी कोचिंग में टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया है और कौन अब तक टीम इंडिया का सबसे सक्सेजफुल कोच रहा है।
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर जॉन राइट ने 2000 से 2005 तक भारत के कोच के रूप में काम किया। उनकी कोचिंग में भारत ने 182 मैच खेले हैं। उनके कार्यकाल में भारत ने 89 मुकाबलों में जीत दर्ज किए हैं, जबकि 71 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। उनका सक्सेस रेट 48.9 प्रतिशत है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ग्रेग चैपल भी भारत के कोच रह चुके हैं। उन्होंने 2005 से 2007 तक भारत के कोच के रूप में कार्यभार संभाला है। उनके कार्यकाल में भारत ने 81 मुकाबले खेले थे, जिसमें से 40 मुकाबलों में टीम इंडिया ने जीत हासिल की, जबकि 31 मैच में टीम का हार मिली। उनका सक्सेस रेट 49.1% है।
भारत ने लंबे इंतजार के बाद गैरी कर्स्टन की कोचिंग में कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती थी। कर्स्टन साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर रह चुके हैं। जिन्होंने 2008 से 2011 तक भारत को कोचिंग दी है। उनके कोच रहते हुए भारत ने 144 मुकाबले खेले हैं, जिसमें से 85 में जीत और 44 में हार मिली है। उनका सक्सेस रेट 59 प्रतिशत था।
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जिम्बाब्वे के पूर्व क्रिकेटर डी फ्लेचर ने भी भारत के कोच पद को संभाला है। उन्होंने 2011 से 2015 तक भारत को कोचिंग दी है, जहां भारत ने 171 मैच खेले हैं और 92 में जीत दर्ज की है, जबकि 62 में हार का सामना करना पड़ा है। उनका सक्सेस रेट 53.8% रहा है।
भारत के दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले ने भी भारत के कोच के रूप में कार्यभार संभाला है। हालांकि वह केवल 2016 से 2017 तक ही टीम के कोच रहे हैं। लेकिन उनकी कोचिंग में भारत ने धमाल मचाया था। उनके अंडर भारत ने 37 मैच खेले हैं, जिसमें से 23 में जीत और केवल 8 मुकाबलों में हार मिली था। जबकि उनका सक्सेस रेट 62.1 प्रतिशत का रहा था।
रवि शास्त्री की कोचिंग में भी टीम इंडिया ने काफी शानदार खेल दिखाया है। उनके नेतृत्व में भारत ने 184 मुकाबले खेले हैं, जिसमें से 121 में जीत हासिल की, जबकि 53 मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। उनका सक्सेस रेट 65.8 प्रतिशत का रहा।
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राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने एक बार फिर लंबे इंतजार के बाद टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी जीती। उन्होंने 2021 से भारत के कोच के रूप में कार्यभार संभाला और 2024 तक में उनके अंडर भारत ने 144 मुकाबले खेले। जिसमें से 103 मैचों में भारत ने जीत दर्ज की और 36 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। उनका सक्सेस रेट 71.5 प्रतिशत रहा था।
मौजूदा समय में भारत के कोच के रूप में गौतम गंभीर कार्यभार संभाल रहे हैं। हाल ही में बीसीसीआई ने उन्हें इस पद पर विराजमान किया है। उनका कार्यकाल 2027 के अंत तक रहेगा। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि उनकी कोचिंग में टीम इंडिया कितना कमाल कर पाने में सक्षम होती है। वहीं उनका कार्यकाल रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ की तरह बढ़ाया जाएगा या नहीं। साथ ही वह अपना सक्सेस रेट कितना बढ़ा पाते हैं।