रोहित शर्मा और विराट कोहली (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय टेस्ट टीम से दो दिग्गजों ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट से अलविदा कह दिया है। भारतीय टीम को अगले महीने 20 जून से इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। ऐसे में यह भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका भी हो सकता है। लेकिन बीसीसीआई के सेलेक्टर्स के लिए दोनों को संन्यास दिलवाना प्री-प्लानड था।
बीसीसीआई के चयनकर्ताओं ने महज एक सप्ताह के अंदर ही दो बड़े खिलाड़ियों को संन्यास लेने पर मजबूर कर दिया और बहुत अच्छे से इसको हैंडल भी किया। इससे पहले लंबे समय से चयन समितियों पर कठिन फैसले न लेने और लचीला रुख अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अजित अगरकर की अध्यक्षता में चयन समिति ने यह धारणा बदल दी है। इस फैसले में कोच गौतम गंभीर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अगले चक्र की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से होनी है और उससे पहले चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को स्पष्ट रूप से उनके भविष्य को लेकर सूचित कर दिया। विराट कोहली की ओर से संन्यास का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया गया, जिससे एक युग का अंत तो हुआ, लेकिन भविष्य की रूपरेखा भी स्पष्ट हो गई।
इस साहसिक और रणनीतिक फैसले पर चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वेंगसरकर ने अगरकर और उनकी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा, “चयनकर्ताओं को इस पेशेवर निर्णय के लिए श्रेय मिलना चाहिए।” वेंगसरकर ने यह भी कहा कि अलग-अलग चयन समितियों की तुलना करना सही नहीं होगा, क्योंकि हर समिति की अपनी सोच और परिस्थितियां होती हैं।
इस बदलाव के साथ चयनकर्ताओं ने टीम के भविष्य पर भी नजर रखते हुए शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत जैसे युवाओं पर भरोसा जताया है। हालांकि गिल अब तक बड़ी टीमों के खिलाफ खुद को पूरी तरह साबित नहीं कर सके हैं, लेकिन उन्हें अगला टेस्ट कप्तान और पंत को उपकप्तान बनाए जाने की संभावना प्रबल है। केएल राहुल अतीत में टेस्ट कप्तान रह चुके हैं लेकिन चयनकर्ताओं की पसंद गिल हो सकते हैं जो राहुल से आठ साल छोटे हैं।
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रोहित शर्मा और विराट कोहली, दोनों हालिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रभावित नहीं कर सके थे। रोहित ने सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर कर लिया था, जबकि कोहली ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर संघर्ष करते नजर आए। जिसके बाद उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा।