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यह समय की बर्बादी है…दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया का नाम बदलने की याचिका खारिज की

Delhi High Court dismisses plea against BCCI: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीसीआई के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी है। जिसमें बीसीसीआई को भारतीय क्रिकेट टीम कहने से रोकने की मांग की गई थी।

  • By उज्जवल सिन्हा
Updated On: Oct 09, 2025 | 06:55 AM

भारतीय टीम (फोटो-सोशल मीडिया)

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Delhi High Court dismisses plea against BCCI: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को बीसीसीआई के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी है। याचिका में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को भारतीय क्रिकेट टीम कहने से रोकने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए याचिका को “समय की बर्बादी” बताया।

न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले से सवाल किया। “क्या आप कह रहे हैं कि यह टीम भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती? जो टीम हर जगह जाकर खेल रही है, वे उसे गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं? बीसीसीआई को भूल जाइए। अगर दूरदर्शन या कोई अन्य प्राधिकरण इसे टीम इंडिया के रूप में प्रस्तुत करता है, तो क्या यह टीम इंडिया नहीं है?”

क्या आप IOC के नियम को जानते हैं?

पीठ ने कहा, “क्या आप अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों से अवगत हैं? क्या आप ओलंपिक चार्टर से अवगत हैं? ओलंपिक आंदोलन से? क्या आप जानते हैं कि अतीत में, जहां भी खेलों में सरकारी हस्तक्षेप हुआ है, आईओसी ने कड़ी कार्रवाई की है?” मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को समय की बर्बादी करार दिया। वकील रीपक कंसल से बेहतर जनहित याचिकाएं दायर करने का अनुरोध करते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया गया।

याचिका में प्रसार भारती, जो दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का संचालन करने वाली एक वैधानिक संस्था के खिलाफ निजी तौर पर संचालित बीसीसीआई टीम को राष्ट्रीय टीम के रूप में संदर्भित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें बताया गया कि बीसीसीआई तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1975 के तहत पंजीकृत एक निजी सोसायटी है, न कि संविधान के अनुच्छेद 12 के अर्थ में एक वैधानिक निकाय या राज्य।

याचिका में क्या कहा गया?

इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय से प्राप्त आरटीआई जवाबों का भी हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि बीसीसीआई को न तो राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में मान्यता प्राप्त है और न ही क्रिकेट सरकारी अनुदान के पात्र खेलों की सूची में शामिल है।

आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(एच) के तहत बीसीसीआई को सार्वजनिक प्राधिकरण भी घोषित नहीं किया गया है। उपरोक्त कानूनी स्थिति के बावजूद, जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रसार भारती बीसीसीआई की क्रिकेट टीम का उल्लेख करते समय राष्ट्रीय प्रतीकों और शब्दावली का उपयोग करना जारी रखे हुए है।

यह भी पढ़ें: विराट कोहली और रोहित शर्मा की टीम इंडिया में वापसी पर बड़ा अपडेट, जानिए कब जुड़ेंगे RO-KO

याचिका में कहा गया है, “दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो जैसे प्रसार भारती के मंच बीसीसीआई टीम को ‘टीम इंडिया’ या ‘भारतीय राष्ट्रीय टीम’ के रूप में संदर्भित करते हैं, बीसीसीआई के क्रिकेट टूर्नामेंट में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करते हैं और एक निजी संघ को अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय दर्जा प्रदान करते हैं, जिससे जनता के मन में गलत धारणा बनती है और एक निजी संस्था को अनुचित व्यावसायिक वैधता मिलती है।”

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यह प्रथा प्रतीक एवं नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम, 1950 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 का उल्लंघन करती है, जो दोनों ही राष्ट्रीय नामों, झंडों और प्रतीकों के उपयोग को नियंत्रित करते हैं।

बीसीसीआई भारत के नागरिकों को कर रहा है गुमराह

याचिका में कहा गया, “इन सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा राष्ट्रीय नाम और ध्वज का दुरुपयोग न केवल भारत के नागरिकों को गुमराह करता है, बल्कि राष्ट्रीय पहचान और प्रतीकों की पवित्रता को भी नष्ट करता है, जिसे संवैधानिक औचित्य और सार्वजनिक विश्वास के आधार पर संरक्षित किया जाना चाहिए।”

इसमें यह भी रेखांकित किया गया है कि इस चित्रण के व्यावसायिक निहितार्थ हैं। प्रतिवादियों द्वारा किया गया यह झूठा चित्रण एक निजी संस्था को देश के नाम पर लाभ कमाने में मदद कर रहा है। जब दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो जैसे सरकारी स्वामित्व वाले प्रसारक बीसीसीआई टीम को भारतीय राष्ट्रीय टीम के रूप में प्रस्तुत करते हैं, तो इससे यह गलत धारणा बनती है कि बीसीसीआई को आधिकारिक या सरकारी दर्जा प्राप्त है।

याचिका में कहा गया, “यह रिट याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की जा रही है कि राष्ट्रीय नामों, प्रतीकों और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग न हो या उन्हें उचित वैधानिक प्राधिकरण या मान्यता के बिना बीसीसीआई जैसी निजी व्यावसायिक संस्थाओं से न जोड़ा जाए।”

याचिका में, “जनता के विश्वास की रक्षा करने और भारत के नागरिकों को यह भ्रम फैलाने से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया गया है कि बीसीसीआई आधिकारिक तौर पर ‘भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम’ के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करता है।” (आईएएनएस)

Delhi high court dismisses plea against bcci using team india name

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Published On: Oct 09, 2025 | 06:42 AM

Topics:  

  • BCCI
  • Delhi High Court
  • Indian Cricket Team

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