ऑरियस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
नागपुर और पुणे एक समय स्वास्थ्य सेवा में बराबर के थे। पेशेंट की पेइंग क्षमता में कमी की वजह से नागपुर में उच्च मेडिकल उपकरण देरी से आते हैं। लेकिन नागपुर का वर्क कल्चर, यहां के डॉक्टरों की मरीज को सेवा देने की तत्परता से नागपुर भी अब देश का उभरता हुआ मेडिकल हब है। यह मानना है कि ऑरियस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अनंत सिंह राजपूत का। वर्धा केजेएनएमसी से पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. राजपूत क्रिटिकल केयर में देश के जाने माने डॉ. एफ ई उदवाडिया के मार्गदर्शन में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में सेवा देना शुरू की। उन्होंने केएफसी हॉस्पिटल मुंबई में भी सेवा प्रदान की है।
नागपुर ऑरियस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वर्ष 2018 में स्थापित हुआ। इस 100 बेड वाले हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर में डॉ. अनंत सिंह राजपूत, डॉ. विकास गुप्ता, डॉ. परिक्षित महाजन, डॉ. आशिष गांजरे, ऑर्थोपेडीक व ज्वाईट रिप्लेसमेंट मे डॉ. अंशुल चड्डा, हिमॅटो व हिमॅटो ऑन्कोलॉजी मे डॉ. ललीत राऊत, GI लॅप्रोस्कोपीक और बॅरिएट्रीक सर्जरी मे डॉ. निर्मल पटले डायरेक्टर के रूप मे कार्यरत है।
साथ ही युरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, कान, नाक और गला, एनेस्थीसिया और पेन मैनेजमेंट, सूक्ष्म जीव विज्ञान, न्यायशास्त्र, कानूनी सहायता, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी, फिजियोथेरेपी विभाग हैं। 20 बेड का अति दक्षता विभाग भी है।आइसोलेशन के लिए 5 बेड और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 2 बेड का अलग से प्रावधान है।
ऑरियस जिसका अर्थ सुनहरी छटा है, ने अपने नाम के अनुरूप स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाओं से बहुत कम समय में अपनी पहचान बनाई है। हॉस्पिटल का मोर्टेलिटी रेट पूरे जिले में सबसे कम है। अप्रैल माह में हुए उमरेड में ब्लास्ट के हादसों में गंभीर रूप से घायल 7 लोगों में से उन्होंने 5 को बचाया है।
कोविड काल में फेफड़ों के 700 गंभीर रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। म्यूकर या ब्लैक फंगस के सैकड़ों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। कोरोना काल में भी उल्लेखनीय कार्यों के साथ कई उपलब्धियां हैं। यही कारण है कि हॉस्पिटल का ऑक्यूपेंसी रेट 80 प्रतिशत तक रहता है। हॉस्पिटल को एनएबीएच एक्रिडेशन तो है ही, साथ ही नर्सिंग एक्सेलेंस का भी एक्रिडेशन है। जो नर्सिंग स्टाफ की योग्यता पर मिलता है।
मुंबई में करिअर के लिए जहां लोग तरसते हैं। वहां डॉ. अनंत सिंह राजपूत अपने जन्म स्थान के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की चाहत से अपने शहर वापस आएं। उन्होंने बताया कि मुंबई में उनकी प्रैक्टिस अच्छी चल रही थी।
करिअर में तेजी से विकास के अवसर प्राप्त हो रहे थे, पर वहां नागपूर शहर का कल्चर नहीं मिल पा रहा था। अपनेपन की कमी महसूस हो रही थी। अपने साथी डॉ विकाश गुप्ता डॉ. आशीष गाजरें डॉ. परीक्षित महाजन के साथ 2015 में ACES Hospital और 2018 में अन्य तीन साथ में आये डॉ. ललित राऊत डॉ. निर्मल पटले ओर डॉ. अशुंल चड्डा और सभी ने साथ में मिलकर Aureus हॉस्पिटल की स्थापना की।
डॉ. अनंत सिंह राजपूत से अस्पताल की सफलता का राज पूछने पर उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ही हॉस्पिटल के एकमात्र निदेशक हैं। जिससे मरीजों की सेवा और जरूरतों का ध्यान रखा जाता है। मध्य प्रदेश के रीवा, सतना, होशंगाबाद के अलावा संपूर्ण विदर्भ से पेशंट हॉस्पिटल में आ रहे हैं। लगभग सभी बड़े कंपनियों के पैनल में हॉस्पिटल का नाम है। हॉस्पिटल की विस्तार की योजना है।
ऑरियस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सायन्सेस नागपुर में मरीजों के लिए १०० बेड वाला मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जो पूरी तरह से चिकित्सा, नर्सिंग और संचालन के अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करता है।
ऑरियस अस्पताल के रोगियों के लिए अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर, साथ ही आपातकालीन सेवाएं, पृथक आईसीयू बेड, (नेगेटिव प्रेशर HEPA फिल्टर), 24 घंटे ट्रॉमा सेंटर, पूरी तरह सुसज्जित मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, सक्षम ईसीएमओ ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, हेमेटो ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लेप्रोस्कोपिक और बेरिएट्रिक सर्जरी, संयुक्त प्रतिस्थापन और हड्डी रोग आंतरिक चिकित्सा मधुमेह विज्ञान, एंडोक्रिनोलॉजी, संज्ञाहरण विशेषज्ञ (ऐनेस्थिसिया), ऑन्कोलॉजी, स्त्री रोग, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर केयर, थोरैसिक सर्जरी, ऑप्थल्मोलॉजी, ईएनटी और हेड नेक सर्जरी, पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स और सर्जिकल प्लास्टिक सर्जरी, पल्मोनोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी, इंटरवेशनल रेडिओलॉजी, कॅथलॅब उपलब्ध है।
इसके अलावा ऑरियस अस्पताल की टीम और कर्मचारी हमेशा चिकित्सा देखभाल में सर्वश्रेष्ठ की तलाश में रहते हैं और रोगियों का इलाज सावधानी से किया जाता है। ऑरियस अस्पताल अपने रोगियों को निश्चित सेवा प्रदान करने और सर्वोत्तम चिकित्सा और सतर्कता बनाए रखने के लिए स्थायी बंधन में रहना चाहता है। इसने अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, गुर्दा प्रत्यारोपण, पोस्ट- कोविड एवस्कुलर नेक्रोसिस और कई अन्य जटिलताओं के मामलों में जान बचाई है।
24 घंटे कोविड ओपीडी शुरू रखने वाला नागपुर का यह पहला अस्पताल है, इसी बीच कोविड अस्पताल ने इस महामारी के समय पर नविनतम रूप से ‘कोव्ही सेफ’ विकसित किया जिसके माध्यम से कोविड संक्रमण को काबु में ला सके। यह मध्य भारत का पहला अस्पताल है जहां सीपीआर सहायक उपकरण है।