ट्रंप बर्थ डे पर लेंगे फौजी सलामी (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, कुछ नेता अपने जन्मदिन को खास तरीके से मनाना पसंद करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का बर्थ डे 14 जून को आएगा। संयोग से यह तारीख फ्लैग डे या झंडा दिवस के रूप में मनाई जाती है। 250 वर्ष पहले इसी तारीख को अमेरिकी सेना का गठन हुआ था। अपने 79वें जन्मदिन पर ट्रंप सैनिक परेड की सलामी लेंगे जिसमें टैंक और मिसाइल शामिल होंगे। वह प्रेसीडेंट के रूप में अमेरिकन आर्म्ड फोर्सेस के सुप्रीम कमांडर भी हैं।’
हमने कहा, ‘ट्रंप को छोड़िए, प्रधानमंत्री मोदी को देखिए। वह भी प्रतिवर्ष अपना जन्मदिन सीमा पर तैनात सेना के बहादुर जवानों के बीच मनाना पसंद करते हैं। आपने फौजी ड्रेस में गॉगल लगाए प्रधानमंत्री की तस्वीर देखी होगी। उसमें वह सचमुच कमांडर नजर आते हैं। उनके वहां जाने से जवानों का हौसला बढ़ता है। नेताओं की नेतृत्व क्षमता इसी से नजर आती है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे लेकिन प्रेसीडेंट बनने के बाद सेना के तीनों अंगों के सर्वोच्च सेनापति बन गए। उन्होंने सुपरसॉनिक सुखोई विमान में उड़ान का सुख भी लिया।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस जब तक कांग्रेस के बड़े नेता थे तब तक खादी का कुर्ता-धोती पहनते थे। महात्मा गांधी से मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर फारवर्ड ब्लाक बनाया फिर फौजी यूनिफार्म पहनकर आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया। आजादी की लड़ाई में इस फौज का बड़ा योगदान था जो बर्मा (वर्तमान म्यांमार) से होते हुए इम्फाल तक आ गई थी। इससे अंग्रेज घबड़ा गए थे।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, जनरल ड्वाइट डी आइजनहावर अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। जॉन एफ केनेडी भी पहले नेवी में लेफ्टिनेंट थे। बाद में अमेरिका के सबसे युवा प्रेसीडेंट चुने गए।
जर्मन का हिटलर, इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के तानाशाह गद्दाफी भी फौजी ड्रेस पहनते थे। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग भी फौजी यूनिफार्म पहनते हैं। पाकिस्तान में ज्यादातर फौजी जनरलों की हुकूमत रही। अयूब खान, याह्या खान, जिया उल हक और परवेज मुशर्रफ इसकी मिसाल हैं। अब यदि शहबाज शरीफ का तख्ता पलटा तो जनरल असीम मुनीर पाकिस्तान के तानाशाह बन सकते हैं। यूं भी पाकिस्तान की खटारा गाड़ी को आर्मी, अल्लाह और अमेरिका चलाते रहे हैं।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा