तमिलनाडु सरकार के 2 मंत्रियों की छुट्टी (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: आखिर विवादों से घिरे तमिलनाडु के 2 मंत्रियों सेंथिल बालाजी और के पोनमुंडी ने इस्तीफा दे दिया।मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सिफारिश पर राज्यपाल आरएन रवि ने इस्तीफे स्वीकार कर लिए।यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब स्टालिन सरकार कानूनी जांच और सार्वजनिक विवादों से घिरी हुई है।राज्य सरकार के खुदरा शराब विक्रेता ‘टासमैक’ की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा न्यायिक जांच की जा रही है ऐसी स्थिति में डीएमके सरकार को अपने संवेदनशील विभागों का नियंत्रण संभालना जरूरी हो गया है।
पिछली एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए सेंथिल बालाजी पर पैसा लेकर नौकरी देने (कैश फॉर जॉब) का आरोप लगा था।इस मामले में वह 15 महीने जेल में रहे।सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में उन्हें जमानत पर छोड़ा लेकिन उसके तुरंत बाद बालाजी ने चालाकी दिखाते हुए मंत्री पद की शपथ ले ली और अपना पुराना विद्युत एवं आबकारी विभाग संभाल लिया।वह फिर से मंत्री बनकर गवाहों को आतंकित व प्रभावित कर सकते थे और मामले को कमजोर कर सकते थे इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी से कहा कि या तो वह मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दें या फिर जेल जाने को तैयार रहें क्योंकि उनके मामले का अभी फैसला नहीं हुआ है तथा उनपर आरोप कायम हैं।
ऐसे में उनकी जमानत रद्द हो सकती है।बालाजी डीएमके के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार माने जाते हैं।2022 में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में उन्होंने डीएमके को जबरदस्त जीत दिलाई थी।सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश के बाद उनका मंत्री बने रहना संभव नहीं था।अब ऐसा माना जा रहा है कि 2026 में होनेवाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए पश्चिमी क्षेत्र की प्रचार अभियान रणनीति बनाने की जिम्मेदारी बालाजी को सौंपी जाएगी।वहां डीएमके के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति है।
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दूसरे मंत्री पोनमुंडी ने शैव और वैष्णवों के प्रतीक चिन्हों के खिलाफ अपमानजनक बातें कही थीं।इससे जनता में भारी नाराजगी देखी गई थी।इसके बाद उन्हें तत्काल पार्टी के उप महासचिव पद से बर्खास्त कर दिया गया था।अब पार्टी नेतृत्व ने उन्हें मंत्री पद से हटाने का फैसला भी कर लिया।इन दोनों मंत्रियों की वजह से राज्य में डीएमके व स्टालिन सरकार की छवि खराब हो रही थी।बालाजी पर कैश फॉर जॉब के अलावा मनी लॉड्रिंग के भी आरोप हैं इसलिए इन दोनों मंत्रियों को हटाना अपरिहार्य हो गया था.
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा