(डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हम सेफ या सुरक्षित रहना चाहते हैं। बताइए इसके लिए क्या करें? कोई अच्छा सा उपाय बताइए।’’
हमने कहा, ‘‘धनवान लोग सेफ रहने के लिए अपने बंगले की ऊंची चहारदीवारी बनवाते हैं और गेट पर गार्ड रखते हैं जो किसी अनजाने व्यक्ति को फटकने नहीं देता। यदि आपने जिद की तो फोन से पूछता है कि फलां नामवाले व्यक्ति आए हैं। आप कहें तो आने देता हूं। नेताओं को सेफ रखने के लिए जेड या जेड प्लस सिक्योरिटी दी जाती है। इतने पर भी खतरा पीछा नहीं छोड़ता! सिक्योरिटी के बावजूद एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को शूट कर दिया गया था।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम नेताओं या वीआईपी सुरक्षा की बात नहीं कर रहे। यह बताइए कि सामान्य व्यक्ति कैसे सेफ रहे? पुराने जमाने में लोग घर में मजबूत चौखटवाला मोटा दरवाजा बनवाते थे। जिसे रात में बंद कर दिया जाता था। लोग घर में लाठी या भाला रखते थे। इस तरह सेफ रहने की इच्छा पहले से रही है। अमेरिका में लोग अपने घर में गन रखते हैं। किसी अनजाने व्यक्ति को घर में प्रवेश करने नहीं देते। मेलमैन (डाकिया) भी जब दरवाजे पर पार्सल रखकर काफी दूर निकल जाता है तब धीरे से दरवाजा खोलकर पार्सल उठा लेते हैं और फिर डोर लॉक कर देते हैं। खतरा वहां भी है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप पर गोली चली थी जो उनके कान को छूकर निकल गई।’’
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हमने कहा, ‘‘नेताओं के लिए कभी-कभी सुरक्षा भी काम नहीं करती। इंदिरा गांधी को घर के नौकरों या सुरक्षा गार्डों ने गोलियों से छलनी कर डाला था जबकि वह उन पर बहुत भरोसा करती थीं। जहां तक सामान्य व्यक्ति की सुरक्षा की बात है, उसे हैवी ट्राफिक देखते हुए बहुत सावधानी से रास्ता पार करना चाहिए। फुटपाथ पर अतिक्रमण की वजह से सड़क के किनारे पैदल चलना भी रिस्की है। बाइक सवार उठाईगीरे महिलाओं का मंगलसूत्र, गले की चेन या पर्स खींचकर ले जाते हैं, इसलिए राह चलती महिलाएं भी सेफ नहीं हैं।”
हमने कहा, ‘‘अच्छा भला इंसान किसी डाक्टर के पास जाता है तो वह कहता है तुम बिल्कुल सेफ नहीं हो। सेफ रहना है तो हेपेटाइटिस, टाइफाइड और निमोनिया की वैक्सीन लगवा लो। एक मामूली सा मच्छर भी इंसान को चिकनगुनिया से पीड़ित कर सकता है। पैथालाजिकल जांच कराओ तो शुगर, बीपी, कोलेस्ट्रोल, थाइराइड कुछ भी निकलेगा फिर बताओ इंसान कहां सेफ है? देश की राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेनेवाले हमारे नेताओं के फेफड़े कितने सेफ हैं?’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इतना सब सोचने की जरूरत ही नहीं है! बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और राकां (अजीत) की युति ने सीधा संदेश दिया है कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’। इसलिए आवाज दो हम एक हैं।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा