(डिजाइन फोटो)
भारत यदि दगाबाज पाकिस्तान से कोई भी वार्ता शुरू नहीं करना चाहता तो उसकी वजह बहुत स्पष्ट है। यह पड़ोसी देश कभी भी भरोसेमंद या जुबान का पक्का नहीं रहा। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी शांति और स्थिरता का संदेश लेकर बस से लाहौर गए थे लेकिन इसका जवाब पाकिस्तान ने कारगिल में युद्ध से दिया था।
कारगिल हमले में अपनी सैनिक मौजूदगी से पाकिस्तान लगातार इनकार करता रहा। उसने युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के शव लेने से भी मना कर दिया था जिनको भारतीय सेना ने इस्लामिक रिवाज के मुताबिक दफनाया था। अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने सेना दिवस पर अपने सैनिकों की इस्लाम और पाकिस्तान के लिए दी गई शहादत का उल्लेख करते हुए कारगिल सहित अन्य युद्धों का जिक्र किया।
उन्होंने माना कि कारगिल में पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके पूर्व इस वर्ष मई माह में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने 1999 के शांतिपूर्ण संबंधों के लाहौर घोषणापत्र का उल्लंघन किया था। उन्होंने वाजपेयी से हाथ मिलाया और उधर उनके जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल पर हमला कर दिया था।
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इसके पहले लगभग 25 वर्षों तक पाकिस्तान का यही कहना था कि कारगिल की लड़ाई कश्मीरी मुजाहिदीन ने की थी। सच यह था कि भीषण ठंड और बर्फबारी के समय भारतीय जवान कारगिल के बंकर खाली करके मैदानों में लौट आते थे। पाकिस्तानी फौज ने इसका फायदा उठाते हुए उन बंकरों पर कब्जा कर लिया जहां से श्रीनगर मार्ग को निशाना बनाना उसके लिए आसान हो गया।
भारतीय सेना को अत्यंत विपरीत स्थिति में हमलावरों से लड़ना पड़ा था। दुश्मन की गोलियों की बौछार के बीच पहाड़ पर चढ़ना बहुत बड़ी चुनौती थी। आखिर वायुसेना के सहयोग और लेजर गाइडेड बम से उन बंकरों को पाकिस्तानी सैनिकों समेत उड़ाया गया। कैप्टन विक्रम बत्रा व अन्य जवानों व अधिकारियों ने लगभग 2 माह चले इस युद्ध में शहादत दी थी।
कारगिल युद्ध के बाद से पाकिस्तान बिल्कुल भरोसे के लायक नहीं रहा। इससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए एलओसी पार नहीं की। 2019 में पाक द्वारा किए गए पुलवामा हमले के बाद से दोनों के रिश्तों पर बर्फ जम गई है। दोनों ने अपने हाईकमीशन का स्टाफ घटा दिया है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम और सेना प्रमुख दोनों ने कबूल कर लिया है कि कारगिल हमला उनकी फौज ने ही किया था। यह तथ्य दुनिया पहले से जानती है।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा