(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, इस भारत भूमि के भूतल पर कितनी ही आश्चर्य में डालने वाली बातें होती रहती हैं। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बड़े ही स्पष्टवादी स्वभाव के नेता हैं। वह भी अपने कुछ बयानों से अचरज के धमाके देते रहते हैं। उनका बयान कोई फुलझड़ी नहीं बल्कि बिग बैंग होता है।”
हमने कहा, “सभी जानते हैं कि बेधड़क खुली सड़क चलने का साहस कम लोगों में होता है लेकिन गडकरी को जो भी बोलना होता है, डंके की चोट पर बोलते हैं। अब उन्होंने बताया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के एक प्रमुख नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का ऑफर दिया था परंतु उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गडकरी के अनुसार उन्होंने उस नेता को बताया कि मैं एक विचारधारा माननेवाला व्यक्ति हूं। मैं जिस पार्टी में हूं, उसने मुझे बहुत कुछ दिया है जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। कोई भी ऑफर मुझे मोह में नहीं डाल सकता।”
पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, सस्पेंस की बात यह है कि गडकरी ने उन्हें पीएम पद का ऑफर देने वाले विपक्षी गठबंधन के नेता के नाम का खुलासा नहीं किया। उसे उन्होंने गोपनीय या गुलदस्ते में रखा है। वैसे गडकरी की बात इसलिए जंचती है क्योंकि देश की सभी पार्टियों में उनके समर्थक हैं जो उनके कामकाज को पसंद करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी यदि स्वयं को राष्ट्रनिर्माता मान रहे हैं तो सभी भारतवासी गडकरी को सड़क निर्माता मानते हुए उन्हें ‘रोडकरी’ कह रहे हैं।”
यह भी पढ़ें- ट्रंप दिखा रहे अपनी शान, लंबू होने का अभिमान
हमने कहा, “देश में कुछ नेता ऐसे भी हुए जो कांग्रेस के मोहजाल में फंसकर प्रधानमंत्री बने। जनता पार्टी के विपक्ष नेता चौधरी चरणसिंह और बाद में समाजवादी विचारों के नेता चंद्रशेखर कांग्रेस के बाहरी समर्थन से कुछ माह के लिए पीएम बने थे। इसी सूची में एचडी देवगौड़ा भी शामिल हैं।” पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, आरएसएस के लोग और कम्युनिस्ट जीवन भर पाला नहीं बदलते और अपने सिद्धांतों और विश्वास पर अटल या एकनिष्ठ रहते हैं।”
हमने कहा, “अटल शब्द से याद आया कि एक बार अटलबिहारी वाजपेयी ने कहा था कि कांग्रेस के कुछ लोग कहते हैं कि अटल नेता तो अच्छा है लेकिन गलत पार्टी में है तो बताइए कि इस अच्छे अटल का आप करेंगे क्या?”
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा