आज मां कात्यायनी की करें पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का दौर जहां पर चल रहा हैं वहीं पर इन दिनों माता के 9 स्वरुपों की दिन के अनुसार पूजा की जा रही है। आज नवरात्रि का छठवां दिन हैं जो माता कात्यायनी की पूजा को समर्पित दिन होता है। इस दिन भक्त शुभ मुहुर्त में जब माता की पूजा करते हैं माता प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा खास तौर पर कुंआरी कन्याओं को करना चाहिए कहते हैं इनके करने से माता आशीर्वाद देती हैं और सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं माता के छठवे स्वरूप की पूजा का शुभ मुहुर्त और पूजन विधि।
माता दुर्गा के इस छठवें स्वरूप की बात की जाए तो, ये स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है और वे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी चार भुजाएं हैं, इनमें से दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है. जबकि, बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है। इसके अलावा माता का वाहन सिंह को बनाया गया है।
मां दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहुर्त दिया गया है। इसे लेकर हिंदू पंचाग में कहा गया है कि, षष्ठी तिथि की शुरुआत 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को 11:17 ए एम से होगी जिसका समापन 9 अक्टूबर को दिन बुधवार 12:14 पी एम तक पर होगा। इस शुभ मुहूर्त के साथ पूजा करने के विधि इस प्रकार है..
मां कात्यायनी के पूजन से पहले कलश की पूजा का विधान है, जो स्वयं गणेश हैं।
उन्हें स्नान के बाद साफ कपड़े पहनाएं और फूल, अक्षत आदि अर्पित कर तिलक लगाएं.
उन्हें मोदक भोग लगाएं और पूरे विधि विधान से पूजा करें.
इसके बाद आप नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें.
इसके बाद ही आप माता कात्यानी की पूजा करें.
कात्यायनी देवी की पूजा के लिए अपने एक हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें।
इसके बाद माता को फूल चढ़ाएं और अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें. माता को भोग लगाना ना भूलें।
साथ ही माता के समक्ष घी का दीया अवश्य ही जलाएं. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें ओर आखिर में मां की आरती करें।
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इस दौरान विधिपूर्वक पूजा करने के साथ ही मां कात्यायनी का मंत्र भी पढ़ जाता हैं, जो इस प्रकार है..
“कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः..”
माता कात्यायनी की पूजा करने के बाद उन्हे विशेष चीज का भोग लगाया जाता है। कात्यायनी को शहद या मीठे पान का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है. माना जाता है कि इससे व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं सताता।