नवरात्रि में हवन करने का महत्व (सौ. डिजाइन फोटो)
Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का दौर चल रहा है जिसमें आज माता दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की पूजा पूरे नवरात्र में खुशी के साथ की जाती है तो वहीं पर नवरात्रि के अंतिम दिनों में हवन कराने का भी महत्व होता है। कहते है कि, नवरात्रि के दौरान हवन का नियम करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आती है। बताया जाता है नवरात्रि में हवन कराने से कई तरह के लाभ मिलते है जो जरूरी है।
शारदीय नवरात्रि में हवन करने का महत्व होता है इसके बारे में आपको जानना चाहिए ..
1- हिंदू धर्म के अनुसार, अग्नि को देवताओं के मुख के रूप में जाना जाता है। कहते है कि, हवन कुंड में समर्पित की गई आहुतियां (घी, हवन सामग्री आदि) सीधे देवी-देवताओं के पास आग से गुजरकर पहुंचती है। यहां पर नवरात्रि के मौके पर माता दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए हवन किया जाता है।
2- नवरात्रि में हवन कराने को लेकर माना जाता है कि, हवन में विशेष मंत्रों के साथ आहुति देने से एक विशिष्ट ऊर्जा उत्पन्न होती है। माता की कृपा भी भक्तों पर बरसती है। यह नवरात्रि में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद देने का मौका होता है।
3-नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले हवन की पवित्र अग्नि और मंत्रों के उच्चारण से उत्पन्न शक्ति घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और भय का नाश करती है, जिससे परिवार में शांति और प्रेम का वास होता है।
4- कहा जाता है कि, नौ दिनों की पूजा में यदि कोई भूल या त्रुटि हो गई हो, तो हवन के माध्यम से देवी से क्षमा याचना की जाती है, जिससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
ये भी पढ़ें- दुर्गा पूजा पर कोलकाता के इन पंडालों में सजता है खूबसूरत सा नजारा, देखिए तस्वीरों में
नवरात्रि में हवन की प्रक्रिया अंतिम दिनों में ही पूरी की जाती है। नवरात्रि में हवन करने के लिए अष्टमी (दुर्गाष्टमी) और महानवमी का दिन सबसे शुभ माना जाता है। यहां पर महाष्टमी के दिन हवन और कन्या पूजन करते हैं, तो कई नवमी के दिन इन अनुष्ठानों को पूरा करके व्रत का पारण करते हैं। यहां पर नियम के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों में माता की पूजा के साथ ही कन्या पूजन और हवन का महत्व होता है।