सावन में हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं महिलाएं (सौ.सोशल मीडिया)
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के बाद सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। जो इस बार 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। भगवान शिव को समर्पित सावन महीना भक्ति, तपस्या और श्रद्धा का प्रतीक होता है।
आपने जरूर देखा होगा कि सावन के महीने में सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं और इसे बहुत ही शुभ माना गया है। सनातन धर्म में लाल रंग की तरह ही हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है और कहते हैं सावन में हरी चूड़ियां पहनने मां पार्वती प्रसन्न होती हैं।
यदि सावन में भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती को भी प्रसन्न कर लिया जाए तो दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते है सावन में हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं महिलाएं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई प्रकार के जतन के साथ कई तरह के उपाय भी करता है। इस पवित्र महीने में हरे वस्त्र और हरी चूड़ियां पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बता दें कि, कांच की चूड़ियां पहनने से उनसे आने वाली आवाज से आसपास की निगेटिविटी समाप्त होती है और नई ऊर्जा का संचार होने लगता है।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले जान लें ये बातें, वरना नहीं मिलेगा लाभ
हरे रंग के पीछे कई रहस्य हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरे रंग का महत्व बुध से जुड़ा हुआ है। यह हरियाली का प्रतीक है। हरे रंग के वस्त्र धारण करने से बुध प्रसन्न रहता है तथा वाणी को नियंत्रण में रखता है। यही कारण है कि सुहागिन स्त्रियां सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हरे रंग की चुड़ियां व हरे कपड़े पहनती है।
भगवान शिव और प्रकृति के बीच गहरा संबंध होता है। क्योंकि, भगवान शिव ऐसे देव हैं, जिन्हें प्रकृति से जुड़ी चीजें अधिक प्रिय होती हैं। देवों के देव महादेव का वास भी प्रकृति की गोद हिमालय में होता है और उनकी पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग जैसी चीजें अर्पित की जाती है, जो हरे रंग की होती है। इसलिए सावन महीने में हरे रंग का विशेष महत्व होता है।