बेलपत्र चढ़ाने के नियम (सौ.सोशल मीडिया)
शिवभक्तों के लिए सावन मास विशेष महत्व रखता है। इस बार सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 9 अगस्त तक चलेगा। बता दें, यह पूरा महीना विशेष रूप से, भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। इस बार सावन के 4 सोमवार व्रत रखें जाएंगे। इस महीने भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, भस्म, धतूरा, आक और विशेष रूप से बेलपत्र अर्पित करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय है, लेकिन यदि इसे चढ़ाते समय सही नियमों का पालन न किया जाए, तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवजी को बेलपत्र चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, बेलपत्र अर्पित करने से पूर्व उसे पानी से धोकर अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद बेलपत्र के चिकने हिस्से को शिवलिंग से स्पर्श कराना चाहिए।
बेलपत्र को चिकने हिस्से की ओर से शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। बेलपत्र अर्पित करते समय आपको बेलपत्र अर्पण मंत्र पढ़ना चाहिए। यदि वह याद नहीं है, तो आप ओम नम: शिवाय का मंत्र उच्चारण भी कर सकते हैं।
यदि आप भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करते हैं तो उसमें 3 पत्तियां होनी जरूरी हैं अन्यथा वह अपूर्ण माना जाएगा। बेलपत्र का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसकी पत्तियां कटी-फटी न हों और उस पर किसी प्रकार के दाग-धब्बे न हों। बेलपत्र ताजा होना चाहिए।
कहते है बेलपत्र हमेशा श्रद्धा से स्वयं तोड़ें। तोड़ते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और पेड़ से क्षमा याचना करें।
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यदि आप शिव मंदिर गए हैं और आपके पास बेलपत्र नहीं है तो परेशान न हों। शिवलिंग पर पहले से अर्पित बेलपत्र को उठाकर पानी से साफ कर लें। फिर उसे शिवजी को अर्पित कर दें। एक बार अर्पित किए गए बेलपत्र को दोबारा भी उपयोग में ला सकते हैं। वह जूठा नहीं माना जाता है।
पूजा के समय आप शिवलिंग पर बेलपत्र 5, 11, 21 की संख्या में चढ़ा सकते हैं। बेलपत्र पर राम नाम अंकित करके शिवजी को अर्पित करेंगे तो भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होंगे।