
पढ़ाई के लिए कौन-सी दिशा सही है? (सौ.सोशल मीडिया)
Study Room Vastu Tips: किसी भी व्यक्ति के जीवन में वास्तु शास्त्र की अहम भूमिका होती है। कहा जाता है कि,वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। वास्तु-शास्त्र में रसोई घर से लेकर बेडरूम तक के नियम बताए गए हैं।
इसमें हर काम व चीज के लिए एक दिशा का निर्धारण किया गया है। बच्चे के स्टडी रूम में अगर वास्तु नियम का ध्यान रखा जाता है तो बच्चे को अवश्य ही सफलता मिलती है। ऐसे में आइए जान लेते है विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए कौन सी दिशा सही है।
वास्तु एवं ज्योतिष-शास्त्र में पढ़ाई-लिखाई करने लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व मानी गई है। बच्चों का स्टडी रूम कभी भी दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। इस बात का भी ख्याल रखें कि घर की सीढ़ियों के नीचे बच्चों के पढ़ने का कमरा नहीं बनवाना चाहिए। इससे उनकी पढ़ाई-लिखाई में बाधा पड़ती है।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि, बच्चों के स्टडी रूम में गणेश जी की फोटो जरुर लगानी चाहिए। यदि बच्चे रोजाना उनकी पूजा करते हैं, तो बुद्धि में वृद्धि होती है और याददाश्त बढ़ती है।
वास्तु के अनुसार स्टडी रूम के पास शौचालय, यानी बाथरूम नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मकता बढ़ती है। इसके अलावा पढ़ाई से भी मन भटकता है।
वास्तु-शास्त्र के अनुसार, पढ़ाई करने वाले कमरे में मेज और कुर्सियां इस तरह रखनी चाहिए कि कुर्सी पर बैठते समय पढ़ते समय बच्चे की पीठ कमरे के दरवाजे या खिड़की की तरफ होनी चाहिए।
वास्तु-शास्त्र में पढ़ाई की टेबल के आकार के बारे में भी बताया गया है। टेबल हमेशा चौकोर आकार की होनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में प्राकृतिक प्रकाश पर्याप्त स्तर में होना चाहिए। कमरे में खिड़कियां जरूर होनी चाहिए, इससे सूर्य की रोशनी आती है, जो मन को शांत करती है।
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जीवन में रंगों का अधिक महत्व होता है, इसलिए स्टडी रूम में दीवारों को उचित और प्रेरणादायक रंगों से रंगना चाहिए। सही रंग के चयन से मन प्रेरित होता है।






