शनि अमावस्या (सौ.सोशल मीडिया)
Shani Amavasya 2025 Upay: धार्मिक दृष्टि से चैत्र महीने में पड़ने वाली अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस बार शनि अमावस्या का पर्व 29 मार्च को को मनाया जाएगा।
आपको बता दें, यह तिथि पितरों को समर्पित है और इस दिन उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध आदि किए जाते हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी शनि अमावस्या पर अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करता है, उसके तीन पीढ़ियों के पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि अमावस्या की शाम को दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा परिवार के सदस्यों पर बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या के अवसर पर किन जगहों पर दीपक जलाने से किस्मत चमक सकती है।
क्या है शनि अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी और तिथि समाप्त अगले दिन यानी 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में शनि अमावस्या का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा।
इन जगहों पर दीपक जलाने से किस्मत चमक सकती है :
पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं दीपक
आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए शनि अमावस्या का दिन बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन शाम को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान सच्चे मन से पितृ सूक्त का पाठ करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही, पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
शनि अमावस्या के दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी बड़ा शुभ होता है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से घर में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। साथ ही, सुख-शांति बनी रहती है। अगर, आप घर परिवार में सुख-शांति और खुशहाली चाहते हैं, तो शनि अमावस्या के दिन घर के मुख्य द्वार पर जरूर दीपक जलाएं।
पितरों को अर्घ्य दें और दीपदान करें
शनि अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद पितरों को अर्घ्य दें और दीपदान करें। इस उपाय को करने से पितृदोष दूर होता है और साधक के रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। साथ ही, सभी सभी डर से छुटकारा मिलेगा।
पितरों के लिए खास है अमावस्या
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या की तिथि पर पितृ पृथ्वी लोक पर आते हैं, ऐसे में उनकी पूजा-अर्चना और दीपक जलाना फलदायी साबित होता है। इसी वजह से अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपाय किए जाते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि इस उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद जातक और उसके परिवार के सदस्यों पर बना रहता है। साथ ही, जीवन में सभी दुख और दर्द से छुटकारा मिलता है।