फाल्गुन अमावस्या (सौ.सोशल मीडिया)
Falgun Amavasya 2025: हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या का बड़ा महत्व है। फाल्गुन महीने में पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी। शास्त्रों में इस अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि इसके एक दिन पहले देवों के देव महादेव का महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है।
इस दिन की पवित्रता और शुभता के कारण गंगा स्नान और दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। फाल्गुन अमावस्या के अवसर पर कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है। आइए, जानते हैं फाल्गुन मास की अमावस्या की तिथि और स्नान-दान के मुहूर्त के बारे में।
फाल्गुन अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर होगा। अमावस्या तिथि समाप्त 28 फरवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाया जाएगा।
फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। स्नान-दान के लिए ये दोनों मुहूर्त बहुत ही उत्तम माना जाता है। बाकी अमावस्या के पूरे दिन स्नान-दान किया जा सकता है।
फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान सच्चे मन से पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना करें।
दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं।
विष्णु जी के मंत्रों का जप करें।
इसके बाद जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। मंदिर या फिर गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और कपड़े का दान करें।
धार्मिक मान्यत है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।
फाल्गुन अमावस्या का क्या है महत्व
सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान-दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान जरूर करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों पर कृपा बरसाते हैं। साथ ही अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, संपन्नता और खुशहाली आती है।