कामिका एकादशी (सौ.सोशल मीडिया)
Kamika Ekadashi 2025: सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में हर तिथि और हर वार का अपना अलग ही महत्व होता है। हर महीने में दो एकादशी तिथियां होती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। हर एकादशी तिथि का अपना अलग ही महत्व होता है। इसलिए इस एकादशी का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है।
ज्योतिषयों के अनुसार, सालभर में आने वाली 24 एकादशी तिथियों में कामिका एकादशी का विशेष महत्व होता है। क्योंकि, यह सावन माह में आती है। यह एकादशी हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। आपको बता दें, इस बार सावन महीने की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं। इस बार कामिका एकादशी पर विशेष संयोग बन रहे हैं, जिसमें गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को और भी खास बना रहे हैं। आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त –
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। 21 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि होगी। वहीं, 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 21 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।
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कामदा एकादशी का पारण 22 जुलाई को किया जाएगा। साधक 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 05 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इस दौरान भक्ति भाव से पूजा कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।
सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वृद्धि और ध्रुव योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।