जितिया व्रत के बाद जितिया धागा का क्या करें (सौ.सोशल मीडिया)
Jitiya Vrat Thread Rules: 14 सितंबर को माताओं ने जितिया का कठिन व्रत रखा और आज यानी 15 सितंबर 2025 को व्रत का पारण किया गया। इसी के साथ जितिया का व्रत संपन्न हुआ। हिंदू माताओं ने जितिया माता और जीमूतवाहन से संतान की लंबी आयु और सुरक्षा की कामना की।
जैसा कि आप जानते हैं कि जितिया व्रत के दौरान माताएं ‘जितिया का धागा’ भी बांधती हैं। इस बात को कई लोग नहीं जानते कि,व्रत के बाद इस धागे का क्या करना चाहिए। कुछ लोग तो इसे उतारकर इधर-उधर फेंक देते हैं, जोकि गलत तरीका है।
आपको बता दें कि धागा को नियमपूर्वक हटाना चाहिए, वरना व्रत का फल नहीं मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं जितिया में बांधे गए धागे का क्या करें और कैसे विसर्जन करें?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, जितिया व्रत पूरा होने के बाद कम से कम 24 घंटे तक इस धागे को नहीं उतारना चाहिए, बल्कि धागे को अगले दिन उतारना चाहिए। साथ ही, उतारने के बाद इसे इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
ज्योतिषयों के अनुसार, जितिया धागा को इधर-उधर फेंकने के बजाय आप किसी पवित्र नदी या तालाब में विसर्जन करें। अगर घर पर कुंआ हो तो इसमें भी डाल सकते हैं। ऐसा करने से जीमूतवाहन देवता का आशीर्वाद बना रहता है और संतान की रक्षा होती है।
इसके अलावा आप धागे को तुलसी या पीपल वृक्ष के नीचे भी रख सकती हैं। क्योंकि ये दोनों ही पौधे पवित्र माने जाते हैं। यदि नदी में प्रवाहित करना संभव न हो तो आप इस तरह से जितिया धागा को रख सकते हैं।
जो माताएं जितिया धागा को यदि कहीं बाहर न ले जाना चाहे तो आप पूजाघर में भी धागे को रख सकती हैं। इससे भी बच्चों पर माता का आशीर्वाद बना रहता है।
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लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि धागे को किसी अपवित्र या गंदी जगह पर न उतारें। इसके साथ ही व्रत पूजा होने के बाद धागे का अनादर न करें।