सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर क्या नहीं करना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया)
Pradosh Vrat 2025 : सावन का महीना शिव भक्तों के लिए महत्व रखता है। यह भगवान शिव को समर्पित है। जिस तरह सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है, ठीक उसी तरह सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और अधिक हो जाता है।
श्रावण मास समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और इसका आखिरी प्रदोष व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा। हर माह की त्रयोदशी तिथि पर रखे जाने वाले इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते है। हालांकि, इस व्रत के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कहते हैं कि अनजाने में की गई गलतियों की वजह से प्रदोष व्रत का फल भंग हो सकता है।
1.सावन प्रदोष व्रत के दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ व्रत की पवित्रता भंग होती है, बल्कि भगवान शिव भी अप्रसन्न हो सकते हैं। प्रदोष व्रत के दौरान सिर्फ सात्विक का ही सेवन करें।
2. अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं, तो सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें। व्रत के दौरान साधारण नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो सकता है। सावन प्रदोष व्रत की पूजा करते समय काले, नीले या गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
3. सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा में तुलसी के पत्ते और केतकी का फूल न चढ़ाएं। शिव पुराण के अनुसार, ये दोनों चीजें भगवान शिव को अप्रिय होती हैं। इनके बजाय आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल आदि अर्पित कर सकते हैं।
4. भगवान शिव को शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि महादेव ने शंखचूड़ राक्षस का वध किया था और बाद में वह शंख में परिवर्तित हो गया था।
5. सावन प्रदोष व्रत के दिन किसी भी व्यक्ति को घर से खाली हाथ न जानें दें, किसी का अपमान न करें और किसी को सताना भी नहीं चाहिए।
6. सावन प्रदोष व्रत के दौरान मन को शांत और पवित्र रखना चाहिए। अशांत और अप्रसन्न मन से की गई पूजा फल प्रदान नहीं करती है।
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7. सावन प्रदोष व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप पूर्ण निर्जला व्रत नहीं कर सकते, तो फलाहार कर सकते हैं।