नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का महत्व (सौ.सोशल मीडिया)
Narak Chaturdashi 2024: दिवाली के बड़े त्योहार की शुरुआत हो गई है जहां पर दिवाली का पहला दिन धनतेरस के तौर पर मनाया गया है। वहीं पर आज छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के रुप में मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी और भगवान बजरंगबली का सीधा संबंध बताया गया है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी को हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस कारण नरक चतुर्दशी वाले दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। इसके लिए आज नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा का क्या विशेष नियम होता हैं चलिए जानते हैं इसके बारे में।
यहां पर नरक चतुर्दशी और हनुमान जी की पूजा का महत्व होता है हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। इस कारण पौराणिक मान्यता के अनुसार पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में और दूसरी तिथि को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है इस तिथि के दिन हनुमान जी को माता सीता ने अमरत्व का वरदान दिया था जिसके बाद से नरक चतुर्दशी पर पूजा की जाती है।
ये भी पढ़ें- कर्नाटक का एक ऐसा मंदिर, यहां दिवाली के दिन खिलता है कमल और जलते हैं दीये
यहां पर नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का विशेष नियम माना गया है नरक चतुर्दशी पर सुबह और शाम को हनुमान जी की पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान जी की विधि-विधान के साथ करके उन्हें बूंदी का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा नियम के मुताबिक, शाम के समय पंचमुखी दीया हनुमान जी के सामने जरूर जलाएं। इससे भय से मुक्ति मिलती है और बजरंगबली सभी संकट दूर करते हैं।
ये भी पढ़ें-गोवर्धन मौण्डु तू बड़ो… लोक गीतों से गुर्जर समाज मनाता हैं गोवर्धन पूजा, जानिए इसकी मान्यताएं