विनायक चतुर्थी (सौ.सोशल मीडिया)
Vinayak Chaturthi 2025 : शुभता और समृद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस बार मार्च महीने की विनायक चतुर्थी का व्रत 3 मार्च को है।
शास्त्रों के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के जीवन में आने वाले सभी विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती है। और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मार्च महीने की पहली विनायक चतुर्थी कब है, पूजन के लिए शुभ मुहूर्त और विधि क्या है।
कब है विनायक चतुर्थी
पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च को रात 09.01 बजे आरंभ होगी, जो अगले दिन यानी 3 मार्च की शाम 06.02 बजे तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता होने के कारण यह तिथि 3 मार्च को मनाई जा रही है।
ऐसे की जाती है विनायक चतुर्थी पूजा
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की शुरुआत सूर्योदय से पहले करनी चाहिए।
पूजा की शुरुआत संकल्प के साथ करें और फिर गणेश जी का आवाहन करें। इसके बाद उन्हें वस्त्र, फूल, फल, दूर्वा, मोदक और अन्य प्रिय पदार्थ अर्पित करें। मोदक को गणेश जी का प्रिय भोग माना जाता है, इसलिए इसे विशेष रूप से अर्पित करें। इसके अलावा, घर के प्रत्येक कोने की सफाई और दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप भी विशेष रूप से किया जाता है, जिसमें ” ॐ गण गणपतये नमः” या “ॐ श्री गणेशाय नमः” जैसे मंत्रों का उच्चारण करें। यह मंत्र गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं और उनके आशीर्वाद से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।
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क्या है विनायक चतुर्थी की पूजा का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि गणेश जी का जन्म चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस दिन गणेश जी की पूजा से न केवल समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं को दूर करने की क्षमता भी मिलती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करता है, उसे जीवन में खुशहाली और सफलता प्राप्त होती है।