शिव और पार्वती की 5 बेटियां। (सौ. AI)
Shiv Family Mystery: हर समय को भगवान शिव की आराधना के लिए अच्छा माना जाता है। शिवभक्त अपने आराध्य भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, अभिषेक और व्रत जैसी कई चीजें करते हैं। भगवान शिव अपने परिवार सहित पृथ्वी के सभी भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। शिव परिवार में जहां भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी का महत्व है, वहीं एक कम ज्ञात तथ्य यह भी है कि शिव-पार्वती की पाँच पुत्रियाँ, अर्थात पाँच नाग कन्याएँ भी थीं। इनके जन्म की कथा अत्यंत रोचक है।
पुराणों के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती सरोवर में जलक्रीड़ा कर रहे थे। उसी समय संयोगवश भगवान शिव का वीर्यस्खलन हुआ। शिवजी ने उस वीर्य को एक पत्ते पर सुरक्षित रख दिया, और कालांतर में उसी से पाँच कन्याओं का जन्म हुआ। ये कन्याएँ मानव रूप में नहीं बल्कि नाग रूप में उत्पन्न हुईं। माता पार्वती को इस जन्म के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जबकि शिवजी सब जानते थे और वे उन पुत्रियों के प्रति पिता जैसा स्नेह रखते थे।
हर सुबह भगवान शिव सरोवर के पास जाकर इन नाग कन्याओं से मिलते और उनके साथ खेलते थे। यह क्रम लंबे समय तक चलता रहा, लेकिन माता पार्वती को इस बात का अंदेशा नहीं था।
काफी समय बाद माता पार्वती को आश्चर्य हुआ कि भगवान शिव हर सुबह कहां जाते हैं। एक दिन वे चुपचाप उनके पीछे सरोवर तक पहुंचीं। वहाँ पहुँचकर उन्होंने देखा कि भगवान शिव पाँच नाग कन्याओं के साथ पिता की तरह खेल रहे हैं। यह दृश्य देखकर माता पार्वती को क्रोध आ गया और उन्होंने उन कन्याओं को दंड देने की सोची। जैसे ही वे आगे बढ़ीं, शिवजी ने उन्हें रोकते हुए कहा “ये पाँचों नाग कन्याएँ आपकी ही पुत्रियाँ हैं।” यह सुनकर माता पार्वती आश्चर्यचकित रह गईं। शिवजी ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की कथा सुनाई, जिसके बाद देवी पार्वती ने भी उन कन्याओं को अपनी पुत्रियों के रूप में स्वीकार कर लिया।
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इन दिव्य पुत्रियों के नाम इस प्रकार बताए गए हैं: जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि।