
महिलाओं को इन नियमों का रखना चाहिए ध्यान। (सौ. AI)
Women’s Shiv Puja: सनातन धर्म में शिवलिंग की पूजा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि शिवलिंग की सच्चे मन से पूजा करने पर व्यक्ति के जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों में शिवलिंग पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक माना गया है। खासतौर पर महिलाओं के लिए कुछ निर्देश ऐसे हैं, जिनका उल्लंघन करना अशुभ परिणाम दे सकता है।
शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। इसी कारण पारंपरिक रूप से को छूना केवल पुरुषों या विवाहित दंपत्ति के लिए मान्य माना गया है। महिलाओं के लिए इसका सीधा स्पर्श वर्जित बताया गया है। कहा जाता है कि शिवलिंग की ऊर्जा अत्यंत प्रबल होती है, जिसका सीधा संपर्क महिलाओं के लिए उचित नहीं माना गया है।
कई महिलाएं अपनी श्रद्धा, भक्ति और लगन के कारण शिवलिंग को स्पर्श करना चाहती हैं। शास्त्रों में इसके लिए एक विशेष विधि बताई गई है जिसे नंदी मुद्रा कहा जाता है। इस मुद्रा में शिवलिंग को छूने से नियमों का उल्लंघन नहीं होता और पूजा पूर्ण फलदायी मानी जाती है।
मान्यता है कि इस मुद्रा में की गई पूजा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होती है, और इस अवस्था में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
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शिव पूजा हमेशा गणेश पूजा से शुरू की जाती है। इसके बाद जल अर्पित किया जाता है, फिर दूध, दही और शहद से अभिषेक, अंत में बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि अर्पित किए जाते हैं।






