
पौष अमावस्या कब है (सौ.सोशल मीडिया)
Paush Amavasya Ganga Snan: शुक्रवार, 19 दिसंबर को इस साल की आखिरी अमावस्या यानी पौष अमावस्या मनाई जाएगी। अगर अमावस्या तिथि की बात करें तो हिंदू पंचांग के अनुसार, साल भर में कुल 12 अमावस्या आती हैं, लेकिन इनमें पौष मास की अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस साल की अंतिम पौष अमावस्या 19 दिसंबर शुक्रवार को सुबह 4:59 से लेकर 20 दिसंबर सुबह 7:12 तक है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित है।
धर्म नगरी हरिद्वार में अमावस्या के दिन गंगा स्नान और सूर्य देव की उपासना को अत्यंत पुण्यदायी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन में शांति आती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह दिन पितरों की शांति, पुण्य प्राप्ति और सूर्य देव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कर्म कई गुना फल देते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पौष अमावस्या पर प्रातःकाल स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना अत्यंत फलदायी होता है। तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि संभव हो तो इस दिन गंगा नदी में स्नान करना सर्वोत्तम माना गया है। कहा जाता है कि, गंगा स्नान से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। जो लोग गंगा तट तक नहीं जा सकते, वे घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
पौष अमावस्या पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ या काले वस्त्र का दान करने से पितृदोष शांत होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। दान हमेशा श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए।
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इस पावन तिथि पर सात्विक आचरण अपनाना चाहिए। क्रोध, विवाद और नकारात्मक विचारों से दूर रहकर पूजा-पाठ करने से ही पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार विधि-विधान से की गई उपासना जीवन में शुभ परिणाम लेकर आती है।






