
लाभ पंचमी कब है (सौ.सोशल मीडिया)
Labh Panchami 2025: समृद्धि, सौभाग्य और नई शुरुआत का प्रतीक ‘लाभ पंचमी’ का पर्व पावन हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी पर मनाया जाता है। इस बार यह पंचमी रविवार, 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
आपको बता दें, यह पर्व मुख्य रूप से गुजरात में मनाया जाता है और गुजराती नववर्ष के पहले कार्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ज्यादातर व्यवसायी इस दिन अपने व्यवसाय को नए सिरे से शुरू करते हैं।
वे नई डायरी खोलते हैं, जिसके शुरू के पन्ने में बाईं ओर ‘शुभ,’ दाईं ओर ‘लाभ’ लिखते हैं, और केंद्र में स्वास्तिक बनाकर कारोबार की शुरुआत करते हैं। मान्यता है कि यह परंपरा मुनाफे और समृद्धि का प्रतीक है। ऐसे में आइए जानते हैं लाभ पंचमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
आपको जानकारी के लिए बता दें, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 26 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त 3 बजकर 48 मिटन पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 27 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर होगा।
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार लाभ पंचमी रविवार, 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त ये रहने वाला है –
सुबह 6 बजकर 29 मिनट से सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक
लाभ पंचमी का पर्व दीपावली के पांचवें दिन में मनाया जाता है। यह तिथि व्यवसायी लोगों के लिए खास महत्व रखती है। नई दुकान, व्यवसाय या फैक्ट्री शुरु करने के लिए इस दिन को अत्यंत शुभ माना गया है।
इसी के साथ ‘लाभ पंचमी‘ पर नए खाता-बही का शुभारंभ करना भी काफी शुभ माना गया है। वही, इस दिन नए बही-खातों पर शुभ-लाभ और स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उनका उद्घाटन भी किया जाता है। कई साधक इस दिन पर व्रत भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे आगामी वर्ष में व्यापार में वृद्धि के योग बनते हैं।
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साथ ही लाभ पंचमी की पूजा से व्यापार में उन्नति, सौभाग्य, परिवार में सुख-शांति और सभी प्रकार के कष्टों के निवारण होता है।






