व्यापारियों के लिए 'लाभ पंचमी' लाएगी लाभ ही लाभ
Labh Panchami 2024: हिंदू धर्म में लाभ पंचमी का खास महत्व है। यह त्योहार दिवाली पर्व के आखिरी दिन मनाया जाता है। इस बार लाभ पंचमी 6 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।
यह पर्व मुख्य रूप से गुजरात में मनाया जाता है। यहां लाभ पंचमी के दिन दिवाली उत्सव का समापन होता है। इस दिन को लाभ की दृष्टि से शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार लाभ पंचमी की पूजा करने से जीवन में खुशहाली, सुख समृद्धि, व्यवसाय में उन्नति और अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही व्यापार में उन्नति के लिए भी ये पर्व खास माना जाता है। आइए जानें लाभ पंचमी कब है और शुभ मुहूर्त के बारे में।
लाभ पंचमी की तिथि
लाभ पंचमी के दिन प्रातः 06:12 बजे से प्रातः 10:08 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
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ऐसे करें लाभ पंचमी पूजा
पंचम पूजा के दिन भक्तों को प्रातः उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य देना चाहिए
शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भगवान गणेश और शिव की मूर्तियों को स्थापित करें।
एक सुपारी लेकर उसको चारों ओर पवित्र धागा लपेटें।
इसके बाद उसे चावल की गोल ढेरी रख दें। हो सके तो भगवान गणेश की प्रतिमा को भी उसपर ही रखें।
भगवान गणेश को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा अर्पित करना चाहिए। वहीं भगवान शिव पर भस्म, बिल्व पत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए।
भगवान गणेश को मोदक और भगवान शिव को दूध से बना प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
भगवान शिव और गणेश के लिए लाभ पंचम मंत्र का जाप करना चाहिए।
लाभ पंचमी का पर्व धार्मिक महत्व
आपको बता दें, लाभ पंचमी का पर्व दिवाली के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन दुकानों को फिर से खोला जाता है और बही खाते की पूजा की जाती है। लाभ पंचमी का दिन नये बिजनेस की शुरुआत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
लाभ पंचमी के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की विधिवत पूजा- अर्चना करनी चाहिए। ये दिन सौभाग्य और लाभ लाने वाला माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की भी पूजा की जाती है।