
नवरात्रि को नवदिन क्यों नहीं कहते (सौ.फाइल फोटो)
Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत जहां पर दिन गुरुवार से हो गई हैं वहीं पर आज नवरात्रि का तीसरा दिन हैं जो माता चंद्रघंटा को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व होता है जो माता के 9 स्वरूपों के अनुसार 9 दिनों के लिए जारी रहता है। नवरात्रि में भक्त, माता दुर्गा की आराधना भक्तिभाव के साथ करते हैं और माता से उचित फल की प्राप्ति करते है। नवरात्रि यानि नौ रातें जो माता के 9 रुपों को अलग-अलग समर्पित होता है। नवरात्रि तो कहलाती है लेकिन क्या आपने सोचा है यहां पर नवदिन क्यों नहीं होते है। आखिर नवरात्रि ही क्यों कहा जाता हैं चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह इस खबर में…
नवरात्रि का अर्थ जैसा कि, नौ रातों से जुड़ा होता हैं वहीं पर सवाल सामने आया हैं यह नवदिन क्यों नहीं कहलाता है इसे लेकर समझें तो, हिंदू धर्म में पूर्व से ही रात्रि का समय पूजा पाठ और सिद्धि प्राप्ति के लिए उचित माना गया है। धर्म के अनुसार कई प्रकार की शक्तिशाली उपासनाएं करने के लिए उपयुक्त समय रात का ही माना गया है। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहारों में होली , दीवाली भी रात के समय ही मनाया जाता है। लेकिन मां दुर्गा की पूजा का सही समय रात ही होता है, इसी कारण ही नवरात्रि के पर्व में दिन की जगह रात्रि शब्द जुड़ा हुआ है।
नवरात्रि में नौ शक्तियों का प्रतीक माना जाता हैं यानि माता के 9 रुपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि, माता शक्ति की आराधना के लिए सबसे सही समय रात का माना जाता हैं। यहां पर शक्ति को रात का प्रतीक माना जाता है। मान्यता यह भी कहती हैं कि, देवी मां शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं. इसलिए रात में उनकी पूजा करने से शक्ति की प्राप्ति होती है. रात में शोर कम होता है और वातावरण शांत होता है. इसलिए रात को उपासना, मनन और ध्यान के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
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नवरात्रि को लेकर वैज्ञानिक महत्व भी बताया गया हैं इसके अनुसार जब हम आस्था के साथ भगवान की पूजा में मंत्र जप करते हैं तो हमारे मन से भी कुछ विशेष तरह की ऊर्जा निकलती है जिसे हम विचार तरंगें कह सकते हैं। ये विचार तरंगें भी ध्वनि तरंगों की तरह होती हैं और दिन में सूर्य की रोशनी इनको भी प्रभावित कर सकती है. रात में जब सूर्य नहीं होता, तो वातावरण शांत होता है और ये सभी तरह की तरंगें बिना किसी बाधा के दूर तक जा सकती हैं. इसलिए रात में की गई पूजा और मंत्र जाप अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि इनकी ऊर्जा बिना किसी रुकावट के ब्रह्मांड में फैल जाती है। इन सभी कारणों की वजह से नवरात्रि ही कहा जाता है नवदिन नहीं।






