
इंडसइंड बैंक की मुश्किलें बढ़ीं, 1960 करोड़ के घोटाले की जांच शुरू (सोर्स-सोशल मीडिया)
IndusInd Accounting Fraud News: निजी क्षेत्र के प्रमुख इंडसइंड बैंक के लिए एक बड़ी वित्तीय मुसीबत सामने आई है। बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई अकाउंटिंग गड़बड़ी और उसके कारण हुए 1,960 करोड़ रुपये के भारी नुकसान की जांच अब गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) करेगा।
बैंक ने खुद शेयर बाजार को जानकारी दी है कि उन्हें इस जांच के संबंध में आधिकारिक आदेश मिल चुका है। यह मामला न केवल बैंक की साख के लिए बल्कि निवेशकों के भरोसे के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को दी गई अपनी हालिया फाइलिंग में खुलासा किया है कि 23 दिसंबर को उन्हें SFIO से एक पत्र मिला है। इस पत्र के जरिए बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुए अकाउंटिंग संबंधी घोटाले की जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
बैंक का कहना है कि यह जांच उस वित्तीय नुकसान से जुड़ी है जो अकाउंटिंग त्रुटियों के कारण उत्पन्न हुआ था। केंद्र सरकार की इस विशेष जांच एजेंसी का इस मामले में शामिल होना यह दर्शाता है कि गड़बड़ी का स्तर काफी गंभीर हो सकता है।
हैरानी की बात यह है कि SFIO की यह जांच ऐसे समय में शुरू हुई है जब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस मामले को बंद करने की तैयारी कर रही थी। ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद कहा था कि उसे फंड की हेराफेरी या गबन का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
पुलिस का मानना था कि चूंकि किसी आपराधिक मंशा या फंड डायवर्जन के प्रमाण नहीं मिले हैं, इसलिए एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अब SFIO इस मामले के तकनीकी और वित्तीय पहलुओं की गहराई से पड़ताल करेगा।
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इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब बैंक के बाहरी लेखा परीक्षकों ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में बड़ी अकाउंटिंग विसंगतियों का पता लगाया। अप्रैल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, इन त्रुटियों के कारण 31 मार्च 2025 तक बैंक के लाभ और हानि खाते पर 1,959.98 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ा था।
इसके बाद एक अन्य स्वतंत्र एजेंसी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इन गलतियों की वजह से बैंक की कुल शुद्ध संपत्ति (Net Worth) पर 1,979 करोड़ रुपये का विपरीत असर पड़ सकता है। अब पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री की नजरें SFIO की अगली कार्यवाही पर टिकी हैं।






