जानिए रोटी बनाने के नियम (सौ.सोशल मीडिया(
हर घर में खाने को लेकर नियम बनाए जाते है और इसका पालन करना जरूरी होता है। खाना कितना बनाएं औऱ कितना परिवार के लोगों के लिए जरूरी है इस पर ध्यान दिया जाता है। रोटी हर घर में बनाई जाती है इसे परिवार के सदस्यों के अनुसार बनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं वास्तु में रोटी बनाने को लेकर भी नियम है। कहा जाता है अगर आप घर में रोटी गिनकर बनाते हैं तो आपके घर में आर्थिक तंगी और गरीबी के द्वार खुलते है। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि, रोटी बनाना सूर्य, मंगल, राहु ग्रह और ज्योतिष से संबंधित होता है जिसे अगर आप गिनकर बनाते हैं तो, सूर्य और मंगल ग्रह कमजोर हो सकते हैं जबकि राहु का नकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ता है। इन प्रभावों से बचने के लिए रोटियां बनाते समय उनकी गिनती न करने की सलाह दी जाती है। इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।
यहां पर वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि, रोटी से किचन की क्या दिशा है वह जुड़ी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपकी रसोई दक्षिण-पूर्व कोने यानी आग्नेय कोण में होनी चाहिए। रोटी बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसके अलावा आप कभी भी दक्षिण दिशा में गैस या चूल्हा न रखें, इस दिशा में मुंह करके रोटी बनाना अशुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र में कहा जाता है रोटी बनाने के बाद परिवार के सदस्य इसका सेवन करते है लेकिन नियम कहते है दो रोटी अलग निकालकर गाय औऱ कुत्ते को देनी चाहिए ऐसा करने से गृह क्लेश दूर होता है।
1- गाय के लिए हो पहली रोटी
वास्तु नियम के अनुसार ,नियम कहता है कि, पहली रोटी गाय के लिए बनाकर रख दे और जैसे ही आपको गाय दिखाई दे, गाय के लिए निकाली गई रोटियां गाय को खिला दें। गाय को रोटी खिलाने से आपके जीवन में सत्कर्म बढ़ते है। इतना ही नहीं गाय को रोटी देने से आपके ग्रह भी मजबूत होते हैं। गाय को रोटी खिलाने से आपका मन शांत रहता है और गृह क्लेश दूर होने लगता है।
2-कुत्ते के लिए भी निकाले रोटी
गाय के अलावा कुत्ते के लिए भी एक रोटी निकालना जरूरी होता है वास्तु में कहते है कि, ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।कुत्तों का जीवन कितना कष्टकारी होता है, ऐसे में अगर आप एक रोटी कुत्ते को देकर उसके कष्ट को कम करते हैं, तो इससे आप पर भगवान की कृपा होती है। वहीं पर वास्तु शास्त्र में मानते हैं कि, कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु, केतु और शनि ग्रह शांत होते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मानते है कि, शरद पूर्णिमा, शीतलाष्टमी, नागपंचमी और किसी की मृत्यु पर घर में रोटी नहीं बनाई जाती है। इसे अशुभ माना जाता है। किसी की मृत्यु पर अगर घर में रोटी बनाई जाती है, तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचता है। इसलिए घर में इस दिन चूल्हा नहीं जलता है कोई भी रिश्तेदार इस दिन खाना लेकर आते है।