करवा चौथ के दिन ये गलतियां न करें (सौ.सोशल मीडिया)
Karwa Chauth significance: पूरे देशभर में आज करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। अखंड सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक निर्जला व्रत रखती है। चंद्रमा के दर्शन होने पर चंद्रदेव की पूजा व अर्घ्य अर्पित करते हुए अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। ज्योतिषविद मानते हैं कि करवा चौथ के दिन महिलाओं को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में-
करवा चौथ का व्रत निर्जला रखने की परंपरा हैं। इस दिन व्रती महिलाओं को व्रत का संकल्प लेने के बाद कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। व्रत रखने से पहले आप सुबह सरगी में मिली सामग्री ग्रहण कर सकती हैं।
इसके बाद रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही कुछ खाया जा सकता है। इस बीच आपको पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करनी हैं।
करवाचौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देकर ही पूरा माना जाता है। अगर आप किसी भी वजह से चांद निकलने से पहले व्रत खोल लेती हैं, तो व्रत का कोई फल नहीं मिलता। इसलिए, चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलें।
करवाचौथ के दिन सुई, कैंची, चाकू जैसी धारदार वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का फल कम होता है। साथ ही, यह अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन सिलाई या कढ़ाई जैसे काम करने से बचें।
व्रत के दिन दोपहर या दिन में सोने से भी बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, व्रत में दिन के समय सोना वर्जित माना गया है, क्योंकि ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। व्रत के दौरान शरीर और मन को भगवान के प्रति समर्पित रखना चाहिए।
यह व्रत प्यार और समर्पण का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन अपने जीवनसाथी या घर के किसी भी बड़े-बुजुर्ग का अपमान करने से बचें। साथ ही व्रत के दौरान क्रोध, अपशब्द और लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचना चाहिए।
इसे भी पढ़ें-आज है करवा चौथ, जानिए चंद्र उदय का समय और सही पूजाविधि
करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं को सुहाग की सामग्री का दान करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन गलती से अपनी सुहाग की सामग्री का दान न करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे सौभाग्य भी कम होता है।