ये है जनवरी 2026 व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट(सौ.सोशल मीडिया)
January Vrat Tyohar 2026: साल 2025 समाप्त होते ही नया साल दस्तक देने ही वाला है और यह समय धार्मिक व ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साल 2026 की शुरुआत का महीना जनवरी व्रत-त्योहारों और ग्रहों की चाल दोनों ही कारणों से खास रहने वाला है।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जनवरी साल का पहला महीना होता है, जबकि भारतीय पंचांग में यह समय पौष माह के अंत और माघ माह की शुरुआत के बीच का माना जाता है।
1 जनवरी 2026, गुरुवार – साल का पहला प्रदोष व्रत
3 जनवरी 2026, शनिवार – पौष पूर्णिमा
6 जनवरी 2026, मंगलवार – सकट चौथ
14 जनवरी 2026, बुधवार – मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी
16 जनवरी 2026, शुक्रवार – प्रदोष व्रत, शिवरात्रि
18 जनवरी 2026, रविवार – मौनी अमावस्या
23 जनवरी 2026, शुक्रवार – बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
25 जनवरी 2026, रविवार – रथ सप्तमी
26 जनवरी 2026, सोमवार – भीष्म अष्टमी
29 जनवरी 2026, गुरुवार – जया एकादशी
30 जनवरी 2026, शुक्रवार – प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली व्रत है।
हिंदू कैलेंडर के पौष महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो माघ महीने की शुरुआत का प्रतीक है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और तपस्या करना बेहद शुभ माना जाता है।
नए साल में सकट चौथ माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है. यह साल 2026 का पहला चतुर्थी व्रत है।
लोहड़ी उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा का एक प्रमुख और बेहद लोकप्रिय त्योहार है। यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले, आमतौर पर 13 जनवरी को मनाया जाता है।
मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार और व्रत हैं, जो मुख्य रूप से माघ मास में पड़ते हैं। इन दोनों ही तिथियों का संबंध दान, स्नान और भगवान विष्णु की पूजा से है।
मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
माघ अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण अमावस्या तिथियों में से एक है। यह माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आती है।
बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, जो ऋतुराज बसंत के आगमन का प्रतीक है। यह माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
जया एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण उपवास माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।
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शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इस समय उनकी पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।