दिवाली 2025 से जुड़े सभी त्योहारों की पूरी लिस्ट (सौ.सोशल मीडिया)
Diwali Kab Hai 20 or 21 Oct: हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का महापर्व मनाया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से भाई दूज तक चलती हैं। बता दें, दिवाली एक दिन का त्योहार नहीं है बल्कि ये पांच दिन तक चलने वाला महापर्व है। दिवाली के शुभ अवसर पर लोग माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, राम दरबार और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना करते हैं और रात में अपने घरों में दीपक जलाते हैं।
ऐसी मान्यता है जो कोई दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करता है उसके घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में चलिए अब जानते हैं दिवाली, धनतेरस, भाईदूज समेत अन्य त्योहारों की सही डेट और मुहूर्त।
ज्योतिषयों के अनुसार, दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा-उपासना की जाती है, जो कि सुख-समृद्धि से जुड़ी हर इच्छा पूरी करते हैं। इस दिन नई चीजों की खरीदारी, सोना और चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है।
दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
शाम 6 बजकर 11 बजकर से लेकर 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
जैसा कि आप जानते हैं कि, छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का महापर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार, इस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी लंका से अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर और रंगोली बनाकर पूरी अयोध्या को सजाया था। साथ ही, इस दिन शाम यानी प्रदोष काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
आपको बता दें, ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 03 मिनट पर होगा।
20 अक्टूबर के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
इस अवधि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग कहा गया है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जा रहा है। यानी लोगों को पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा।
दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। आपको बता दें, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की उस लीला की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था।
गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस दिन शाम की पूजा का मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
दिवाली का आखिरी यानी पांचवे दिन भाई और बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक भाई दूज
मनाया जाता है। भाई दूज को भाऊ बीज के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार भाई और बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है।
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इस दिन भाई को टीका करने का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।