भारत में इन जगहों पर नहीं मनाई जाती है 'दिवाली' (सौ.सोशल मीडिया)
Diwali is not celebrated in some parts of india : रोशनी का पर्व दीपावली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जिसकी तैयारियां महीने पहले शुरू हो जाती है। इस साल दीपावली का त्योहार 20 अक्तूबर 2025 सोमवार को पूरे देश भर में मनाया जा रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यह त्योहार भगवान श्री राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाया जाता है। इस त्योहार को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है, क्योंकि अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरी नगरी को दीपों से सजाया था।
तभी से ही दिवाली मनाई जाने की परंपरा शुरु हुई। इसके अलावा, इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा भी होती है। इसके साथ ही लोग अपने घर और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। भारत के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में भी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
लेकिन, क्या आप जानते है कि रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली भारत में कई स्थानों पर नहीं मनाया जाता है। इन स्थानों पर दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा भी नहीं होती है और लोग पटाखे भी नहीं जलाते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह बिल्कुल सच है। आइए जानते हैं कि आखिर भारत के किन जगहों पर रोशनी का त्योहार दिवाली नहीं मनाई जाती है और इसके पीछे की मान्यता क्या है?
आपको बता दें, भारत के केरल राज्य में दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। राज्य के सिर्फ कोच्चि शहर में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। आपके मन में सवाल खड़ा हो रहा होगा कि आखिर इस राज्य में दिवाली क्यों नहीं मनाई जाती है? यहां पर दिवाली नहीं मनाए जाने के पीछे की कुछ वजहे हैं।
ऐसा कहा जाता है कि केरल के राजा महाबली की दिवाली के दिन मृत्यु हुई थी। इसके कारण तब से यहां पर दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। केरल में दिवाली न मनाने की पीछे दूसरी वजह यह भी है कि हिंदू धर्म के लोग बहुत कम हैं। यह भी बताया जाता है कि राज्य में इस समय बारिश होती है जिसकी वजह से पटाखे और दीये नहीं जलते हैं।
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अगर भारत के दूसरे राज्य की बात करें तो तमिलनाडु राज्य में भी कुछ जगहों पर दिवाली नहीं मनाई जाती है। वहां पर लोग नरक चतुदर्शी का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।