भाई तेज प्रताप यादव के लिए भावुक हुईं रोहिणी आचार्या, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की राजनीति में लालू परिवार के रिश्तों के समीकरण चर्चा में हैं। तेज प्रताप यादव द्वारा महुआ सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद, उनकी बहन रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर भावुक बधाई दी है। यह बधाई लालू परिवार में तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर चल रहे असंतोष को उजागर करती है और राजनीतिक गलियारों में गरमाहट ला दी है।
बिहार की सियासत में लालू परिवार के भीतर चल रहे हालिया सियासी भूचाल के बीच, रोहिणी आचार्या का अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव को दी गई बधाई चर्चा का केंद्र बन गई है।। यह खबर पटना से 16 अक्टूबर, 2025 को सामने आई है।
तेज प्रताप यादव द्वारा महुआ सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद, रोहिणी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा, “तुम्हें दुनिया की सारी सफलता और खुशियां मिलें और तुम हमेशा उजाले की तरह आगे बढ़ते रहो। भाई। ढेरों शुभकामनाएं। स्नेह व आशीर्वाद।”। पहली नजर में यह एक बहन का सामान्य स्नेह लगता है, लेकिन लालू परिवार की हालिया उथल-पुथल को देखते हुए इसके गहरे राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
रोहिणी की यह बधाई ऐसे समय में आई है जब तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ (JJD) बनाकर RJD और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ एक तरह से बगावत कर दी है। तेज प्रताप का आरोप था कि उन्हें साजिश के तहत उनकी पारंपरिक महुआ सीट से हटाकर हसनपुर भेजा गया था।
वहीं, दूसरी तरफ खुद रोहिणी आचार्या भी तेजस्वी के सलाहकार और सांसद संजय यादव को लेकर अपनी नाराजगी पहले ही सार्वजनिक कर चुकी हैं। इसके बाद लालू परिवार में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आई थी। रोहिणी के आत्मसम्मान को लेकर किए गए पोस्ट के बाद तेज प्रताप अपनी बहन के समर्थन में खुलकर उतर आए थे। उन्होंने तेजस्वी खेमे को चेतावनी देते हुए यहाँ तक कह दिया था कि जो हमारी बहन का अपमान करेगा, उस पर कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रोहिणी का यह कदम सिर्फ पारिवारिक स्नेह का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि एक संतुलित राजनीतिक संदेश भी है। एक तरफ, वह अपने बागी भाई को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ, वह RJD के आधिकारिक अभियान से भी दूरी बनाए हुए हैं। यह घटना दर्शाती है कि परिवार के भीतर तेजस्वी के नेतृत्व और उनके सलाहकार संजय यादव को लेकर असंतोष अभी भी बना हुआ है।
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कभी खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताने वाले तेज प्रताप अब अपने ही ‘अर्जुन’ के खिलाफ मैदान में हैं। रोहिणी का यह पोस्ट इस बात का संकेत हो सकता है कि परिवार का एक धड़ा, जो तेजस्वी की कार्यशैली से नाखुश है, वह तेज प्रताप के बागी तेवरों को मौन समर्थन दे रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ‘स्नेह और आशीर्वाद’ चुनावी मैदान में क्या असर दिखाता है।