देव दीपावली के दिन करें ये महाउपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Dev diwali 2025 Upay: हर साल दीपावली के 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है। इस बार यह दीवाली 5 नवंबर 2025 को मनाया जा रहा है। कहने का मतलब यह है कि दीपों का पर्व एक बार फिर वाराणसी के घाटों को जगमगाने वाला है। इस बार यह रोशनी देवताओं के स्वागत के लिए है।
इसे देवों की दीवाली कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से उतरकर गंगा के पवित्र घाटों पर स्नान करते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन देवों के देव भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। इस जीत की खुशी में देवताओं ने गंगा तटों पर दीप जलाकर उत्सव मनाया था, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
ज्योतिषयों के अनुसार, देव दीपावली के दिन अगर कुछ विशेष उपाय करें तो एक साथ राहु केतु और शनि समेत अन्य ग्रहों के दोष को दूर कर सकते हैं। आइए इस कड़ी में उन उपायों के बारे में विस्तार से जानें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु-केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए और कुंडली में राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित करने के लिए देव दिवाली पर शिव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। इसके साथ ही एक मंत्र का जाप भी करें। ये मंत्र है- ऊं नम: शिवाय।
ज्योतिष बताते है कि, सबसे धीमी गति से चलने वाले शनि ग्रह का दोष भी किसी के जीवन पर लंबे समय तक बना रहता है। जिससे जीवन की परेशानियां खत्म ही नहीं हो पाती है।
देव दिवाली पर अगर शनिदोषों से मुक्ति पाने का उपाय कर लें तो जीवन का संघर्ष कम हो सकता है। इसके लिए देव दिवाली के दिन काले तिल का दान करें और काले तिल को गंगा नदी में या किसी और पवित्र नदी में प्रवाहित करें। इससे जीवन के दुख और शनिदोष का प्रभाव कम होगा।
गुरु ग्रह के दोष को दूर करने के लिए देव दिवाली पर पीपल के पेड़ के सामने दीया जलाएं। इसके साथ ही पेड़ की परिक्रमा सात बार करें और गुरु ग्रह शुभ परिणाम देने लगेगा।
कहते है ज्ञान के कारक ग्रह गुरु बृहस्पति के कुंडली में कमजोर होने से भाग्य का साथ नहीं मिलता और न तो कोई मांगलिक कार्य घर में संपन्न होता है। इसलिए इस दिन ये उपाय कर सकते हैं।
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए देव दिवाली पर गाय को हरा चारा और गुड़ खिलाएं। वाणी और व्यापार का कारक बुध ग्रह जीवन के हर मोड़ पर लाभ के रास्ते खोलेगा।
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देव दिवाली एक ऐसा शुभ दिन होता है जब सभी देवी देवता धरती पर उतरते हैं और दीवाली का पर्व मनाते हैं। इस दिन सभी देवी देवता भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे शुभ दिन पर अगर कोई साधक हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें तो उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।
ऐसा करने पर शुभ परिणाम भी मिलते हैं। शत्रुओं पर विजय प्राप्ति से लेकर संकटों के नाश का आशीर्वाद हनुमान जी से प्राप्त किया जा सकता है।