गंगा दशहरा पर बन रहे हैं शुभ योग (सौ.सोशल मीडिया)
धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से गंगा दशहरा का पावन पर्व हिन्दू श्रद्धालुओं में बड़ा महत्व रखता हैं। मां गंगा को समर्पित गंगा दशहरा का पावन पर्व इस वर्ष 5 जून 2025 को पूरे देश भर में मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि,इस दिन को मां गंगा के धरती पर अवतरण का पावन दिवस माना जाता है, इसलिए इसे ‘गंगा दशहरा’ कहा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है। लाखों श्रद्धालु इस दिन गंगा के तट पर एकत्र होकर आस्था के साथ स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं।
इस शुभ अवसर पर यदि व्यक्ति स्नान करने के बाद कुछ विशेष धार्मिक उपाय करता है, तो उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर सकता है। गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य, विशेष मंत्र जाप और व्रत रखने से भाग्य को सकारात्मक दिशा मिलती है। ऐसे में आइए जानते है गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर की जाने वाली विशेष धार्मिक उपाय के बारे में-
आपको बता दे, इस वर्ष गंगा दशहरा पर सुबह 9:14 मिनट तक सिद्धि रहेगा। इसके साथ ही रवि योग और हस्त नक्षत्र भी रहेंगे। इसके बाद तैतिल करण दोपहर 1:02 मिनट तक रहेगा। इसके बाद गर करण योग देर रात 2:15 मिनट तक रहेगा।
बता दें, पंचांग के अनुसार इन शुभ योगों में स्नान और दान करना अच्छा माना जाता है। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषयों के अनुसार, गंगा दशहरा पर कुछ विशेष उपाय करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकरी है। जो इस प्रकार है-
एक साफ कागज पर गंगा स्त्रोत लिखें और उसे पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ दें। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होंगी और व्यापार में सुधार होगा।
गंगा नदी में स्नान करें या नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं। शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें और सूर्य को तांबे के लोटे में जल, गंगाजल व कुमकुम मिलाकर अर्घ्य दें। इससे करियर में सफलता मिलेगी।
घर से दूर अनार का पेड़ लगाएं। मिट्टी के घड़े में जल भरकर उसमें गंगाजल डालें, दक्षिण दिशा की ओर रखें और फिर जरूरतमंद को दें। इससे आर्थिक तंगी दूर होगी और भाग्य खुलेगा।
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पूरे घर में गंगाजल छिड़काव करें। एक नारियल पर काला धागा बांधें, शिवलिंग का अभिषेक करें और नारियल को शाम को बहते जल में प्रवाहित करें (पीछे मुड़े बिना)। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
गंगा में स्नान के बाद सुपारी, आम, जल से भरा घड़ा, फल और अन्य सामग्री का दान करें। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर होते हैं।
गंगा स्नान के बाद माता गंगा की पूजा करें और गंगा स्त्रोत का पाठ करें। ‘बृहत्यै ते नमस्ते’ मंत्र का 108 बार जाप करें। शिवलिंग का अभिषेक करें और उसका जल घर में छिड़कें। इससे स्वास्थ्य और धन की वृद्धि होती है।