पीरियड्स के दौरान शादी की रस्में (सौ. डिजाइन फोटो)
Marriage rituals during periods: शादी, दो लोगों और उनके परिवार के बीच का प्यारा सा संस्कार होता है, जिसे जीवन में हर किसी को निभाना जरूरी होता है। शादी जैसे संस्कार के मौके पर कई रस्में वैवाहिक जोड़े के बीच निभाई जाती है, वहीं पर इस दौरान परिवार के लोग भी शामिल होते हैं। एक महिला के जीवन नें शादी का मौका जितना खास होता है, उतना ही मासिक धर्म में स्वच्छता बरतना।
मासिक धर्म यानि पीरियड्स के दौरान कई मान्यताएं होती हैं, जिसे महिलाओं को निभाने के लिए कहा जाता है। इसमें भगवान की पूजा हो या रसोई में खाना बनाना सभी वर्जित माना जाता है। यहां पर सवाल यह उठता है कि, पीरियड्स के दौरान शादी की रस्में क्या निभाई जा सकती हैं.. यह शुभ होता है या अशुभ। जानिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्या है इसकी सच्चाई…
यहां पर इस बात से जुड़ी एक पौराणिक कथा का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार, जब द्रौपदी से मिलने श्री कृष्ण एक बार गए थे, तब वह रजस्वला अवस्था यानी कि पीरियड्स से थीं। उसी अवस्था में न सिर्फ द्रौपदी ने श्री कृष्ण को प्रणाम करते हुए उनके चरण स्पर्श किये थे, बल्कि श्री कृष्ण ने भी अपनी सखी को स्पर्श करते हुए चरणों से उठाया था। अपना आशीर्वाद प्रदान किया था। यहां पर इस बात से तो साफ़ है कि भगवान या देवी-देवताओं के लिए न तो ये अवस्था अशुद्ध है और न ही इस अवस्था में पड़ी स्त्री अपवित्र है। भगवान हर अवस्था में भक्त को अपनाते हैं।
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यहां पर मानें तो, शादी की रस्मों के दौरान पंडित द्वारा कई भिन्न-भिन्न मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जिससे भगवान की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखद रहे। अगर इस दौरान महिला पीरियड्स से चल रही है, तो विवाह की रस्में निभाई जा सकती है। शुभ या अशुभ ऐसा कुछ नहीं होता है। पीरियड्स में भाव पूर्ण तरीके से की गई हर पूजा हर रस्म महिला को उतना ही शुभ फल प्रदान करती है, जितना कि किसी सामान्य स्थिति में। ऐसे में पीरियड्स के दौरान विवाह की रस्म करना सामान्य और शुभ है। इसे अशुभ की भ्रांति न बनाएं।