कौन से देशों में है हिन्दू मंदिर। (सौ. Freepik)
Hindu Temples in Muslim Countries: भारत अपनी धार्मिक विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि हिंदू मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि कई कट्टर मुस्लिम देशों में भी मौजूद हैं। दुनिया भर में फैले हिंदू समुदाय ने अपनी परंपराओं और मान्यताओं को जहां-जहां बसाया, वहां मंदिरों ने भी अपनी जगह बना ली। आइए जानते हैं उन 9 मुस्लिम देशों के बारे में, जहां आज भी हिंदू मंदिर आस्था का केंद्र बने हुए हैं।
पड़ोसी देश पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिर हिंदू इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सातवीं शताब्दी में निर्मित इस विशाल मंदिर परिसर में राम मंदिर, हनुमान मंदिर और शिव मंदिर आज भी मौजूद हैं और स्थानीय हिंदू समुदाय के लिए प्रमुख तीर्थस्थल हैं।
मलेशिया में बड़ी संख्या में तमिल हिंदू रहते हैं, इसलिए यहां कई प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिलते हैं। गोमबाच की बटू गुफाएं अपने विशाल मंदिर समूह के लिए जानी जाती हैं। प्रवेश द्वार पर स्थित भगवान मुरुगन की विशाल स्वर्णिम प्रतिमा यहां का मुख्य आकर्षण है।
हालांकि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, लेकिन इसकी संस्कृति में आज भी हिंदू रीति-रिवाजों की गहरी छाप है। देश में बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर और पूजा-स्थल मौजूद हैं, जो इस सांस्कृतिक संबंध को और मजबूत करते हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव के बीच एक सच्चाई यह भी है कि यहां बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं। ढाका के प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में रोजाना भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा देशभर में कई अन्य मंदिर भी सक्रिय हैं।
फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान दौरे के दौरान मस्कट के प्राचीन शिव मंदिर में दर्शन किए थे। इसके अलावा यहां श्री कृष्ण मंदिर और एक गुरुद्वारा भी मौजूद है, जो भारतीय प्रवासियों की धार्मिक पहचान को सहेजे हुए है।
यूएई की राजधानी अबूधाबी में पहला भव्य हिंदू मंदिर खोला गया, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। दुबई में भी कई हिंदू मंदिर हैं, जिनमें शिव मंदिर और शिरडी तीर्थ शामिल हैं। यहां भारतीय समुदाय मंदिरों को अपना सांस्कृतिक केंद्र मानता है।
बहरीन में काम की तलाश में आने वाले भारतीयों की संख्या काफी है। उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए यहां शिव मंदिर और अयप्पा मंदिर स्थापित किए गए हैं।
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तालिबान शासन और वर्षों के संघर्ष के कारण अफ़ग़ानिस्तान में हिंदुओं की संख्या लगातार कम हुई है। कई मंदिर क्षतिग्रस्त होने के बावजूद काबुल और कुछ अन्य शहरों में हिंदू मंदिर आज भी मौजूद हैं, जो इतिहास और आस्था की निशानी हैं।
लेबनान के ज़ैतून क्षेत्र में भी हिंदू मंदिर पाए जाते हैं। हालांकि 2006 के इज़राइल-हिज़्बुल्लाह युद्ध के बाद यहां भारतीयों की संख्या में कमी आई, लेकिन मंदिर आज भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।