
बाड़मेर में ऊंट पर बैठकर वोटर्स को ढूंढने निकले SDM और BLO, फोटो- सोशल मीडियो
Rajasthan SIR: राजस्थान के बाड़मेर जिले में चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान प्रशासन ने अनोखी पहल से शुरू किया है। रेतीले इलाकों में बसे गांवों और ढाणियों में पहुंचना आसान नहीं है, इसलिए SDM और BLO ऊंटों पर सवार होकर मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं।
राजस्थान के बाड़मेर जिले में, चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने यह अनोखी पहल शुरू की है। यह इलाका रेतीले धोरों से भरा है, जहां दूर-दूर तक रेत के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। इन कठिन परिस्थितियों में वोटरों को ढूंढना चुनाव अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे कई गांव सड़क मार्ग से जुड़े नहीं हैं। कई जगह तो पैदल या ऊंट के अलावा कोई दूसरा साधन संभव ही नहीं है। SIR के तहत हर मतदाता का फिजिकल सत्यापन करना जरूरी है, जिसके लिए BLO (बूथ लेवल अधिकारी) रोजाना रेगिस्तान में घंटों तक घूमते हैं। कई बार तो दूरी इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें दूरस्थ ढाणियों में ही रात भी बितानी पड़ती है।
इन चुनौतियों के बीच, सेड़वा के SDM बद्रीनारायण विश्नोई खुद टीम के साथ मैदान में उतर आए हैं, ताकि BLO का मनोबल बढ़ाया जा सके। SDM विश्नोई ने ऊंट पर बैठकर बावरवाला और आसपास के गांवों में लगभग 2 किलोमीटर तक सफर किया है। उन्होंने घर-घर जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की, उन्हें SIR की प्रक्रिया समझाई और जरूरी दस्तावेजों की जांच भी की।
SIR के लिए ऊंट पर सवार होकर बाड़मेर SDM ग्रामीणों से अपील करते आए नजर #Barmer #sir #sdm #ElectionRevision #CamelRide #RajasthanNews pic.twitter.com/vaeRVeNntn — DD News Rajasthan (@DDNewsRajasthan) November 26, 2025
SDM विश्नोई ने बताया कि इस इलाके में लोग दूर-दूर रहते हैं, और कई परिवार जानकारी के अभाव में SIR अभियान की महत्ता नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में प्रशासन का काम सिर्फ सत्यापन नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करना भी है। बाड़मेर प्रशासन के अनुसार, सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले हर व्यक्ति तक लोकतंत्र की आवाज पहुंचाना बेहद जरूरी है।
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SIR अभियान का मुख्य लक्ष्य चुनावी सूची को अद्यतन और सटीक बनाए रखना है, ताकि किसी भी मतदाता का नाम छूटने न पाए। SDM और BLO के ऊंटों पर बैठकर रेगिस्तानी धोरों को पार करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह दृश्य लोकतंत्र की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें कठिन भौगोलिक परिस्थितियां भी प्रशासन की जिम्मेदारी को रोक नहीं पाती हैं। यह अभियान साबित करता है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए जमीन पर जुटे अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटते हैं।






