राजस्थान कांस्टीट्यूशन क्लब फोटो फाइल
जयपुर: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जयपुर में राजस्थान विधानसभा के कांस्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन किया और इस मौके पर लोकतंत्र में बढ़ते गतिरोध को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब सदन में व्यवधान योजनाबद्ध तरीके से किया जाने लगा है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार स्थायी नहीं होती, लेकिन विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ उचित नहीं है। इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी कांग्रेस पर हमला बोला और कांस्टीट्यूशन क्लब को प्रदेश के विकास के लिए एक अहम मंच बताया।
ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन सदन को सुचारू रूप से चलाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब संसद और विधानसभा में कुछ लोग पहले से ही तय करके आते हैं कि उन्हें सदन चलने नहीं देना है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा आरोप-प्रत्यारोप का मंच नहीं, बल्कि सार्थक संवाद का केंद्र होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ज्यादा से ज्यादा विचार-विमर्श से ही लोकतंत्र मजबूत होता है और जनता को इसका सीधा लाभ मिलता है।
कांस्टीट्यूशन क्लब के निर्माण के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की सराहना करते हुए बिरला ने कहा कि विकास कार्य किसी एक व्यक्ति की देन नहीं होते, बल्कि ये सतत प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। उन्होंने नाम लिए बिना अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी सरकार स्थायी नहीं होती, लेकिन यह कहना कि कोई निर्माण सिर्फ उनके कार्यकाल में हुआ, यह न्यायोचित नहीं है। बता दें कि अशोक गहलोत कई बार यह कह चुके हैं कि कांस्टीट्यूशन क्लब उनकी सरकार की देन है और इसका शुभारंभ पहले ही हो चुका था।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समारोह में कांग्रेस की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले वे कहते थे कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अब वे शामिल क्यों नहीं हुए? उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा रही है कि नए भवन में प्रवेश से पहले शुभारंभ किया जाता है, कांग्रेस को भी इसे सकारात्मक रूप में लेना चाहिए था। उन्होंने भरोसा जताया कि कांस्टीट्यूशन क्लब राजस्थान के विकास में अहम भूमिका निभाएगा और यहां होने वाले विचार-विमर्श राज्य की नीति-निर्माण प्रक्रिया को मजबूती देंगे।