कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट (सोर्स -सोशल मीडिया)
जयपुर: कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने अहमदाबाद में होने वाली AICC बैठक को पार्टी के लिए निर्णायक अवसर बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस को गुजरात में फिर से खड़ा करने का मौका है। पायलट ने कहा कि पार्टी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव का दौर चल रहा है और अब युवाओं, महिलाओं, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों को जिम्मेदारियों में आगे लाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में कांग्रेस में जवाबदेही पहले से अधिक सख्त होगी और तीन बैठकों में गैरहाजिर रहने वाले पदाधिकारियों को पद से हटाने का निर्णय भी इसी दिशा में एक कदम है।
पायलट ने बेलगावी सम्मेलन में लिए गए निर्णय का जिक्र करते हुए बताया कि 2025 को संगठन सशक्तिकरण का वर्ष घोषित किया गया है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। संगठन को मज़बूत करने के लिए जिला कांग्रेस कमेटियों की भूमिका बढ़ाई जाएगी और उन्हें चुनाव से लेकर उम्मीदवार चयन व वित्त प्रबंधन तक में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। यह सब पहले भी मौजूद था लेकिन अब इसे और सशक्त रूप में लागू किया जाएगा।
पायलट ने उन नेताओं पर निशाना साधा जो लोकसभा चुनाव के समय पाला बदलते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठनवाद की पार्टी है और व्यक्ति से बड़ा संगठन होता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी दलों पर दबाव बना रही है, लेकिन कांग्रेस की प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आएगी।
AICC बैठक का आयोजन लंबे समय बाद गुजरात में हो रहा है, जिसे कांग्रेस कभी अपना गढ़ मानती थी। पायलट ने कहा कि राहुल गांधी और खड़गे के नेतृत्व में पार्टी राज्य में अपनी खोई शक्ति को फिर से हासिल करना चाहती है और भाजपा को सीधी चुनौती देने के लिए तैयार है।
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पायलट ने कहा कि जिस भी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जा रही है वह अपनी जिम्मेदारी के पूरे उत्तरदायित्व के साथ निभाए। किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी स्वीकार नही की जायेगी। यह सब पहले भी मौजूद था लेकिन अब इसे और सशक्त रूप में लागू किया जाएगा।